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आत्मानुभव का उपाय
जब तक बौद्धिक ज्ञान अनुभव में न बदले, तब तक वह ज्ञान परमशांति नहीं दिला सकता । अब सवाल खड़ा होता है कि आत्म अनुभव किस तरह मिल सकता है ? सर्वप्रथम यह निर्णय करना चाहिए कि देह से आत्मा अलग है।शरीर में से आत्मा निकल जाती है और तुरंत ही शरीर निष्चेष्ट बन जाता है। यह आत्मा अथवा चेतन्य…
विचार और विवेक
गुप्त ऐसे ब्रह्मा का अनुभव करने के लिए उसका मूल्य भी देना चाहिए ।सबसे अधिक मूल्यवान ब्रह्मा को प्राप्त करने के लिए अपने पास रहा हुआ सबसे अधिक मूल्यवान जो ‘अहं’ है उसे दे देना चाहिए, उसे छोड़ देना चाहिए। ‘अहं’ का विसर्जन ही ‘अहं’ का सर्जन है। ब्रह्मा व्यक्ति नहीं परंतु ऐसी अनुभूति है। आकाश के साथ मिल जाने…
मोक्षमार्ग
विषय – विरक्ति, कषायत्याग और आत्मराग यही मोक्षमार्ग है ।ये क्रियाए साथ में होनी चाहिए। इंद्रियों के विषय और चित्त की वृत्तियों का अधिष्ठान एक ब्रह्मा है। इस विचार पर मन को स्थिर करने से इस मार्ग पर सफलता से आगे बढ़ सकते हैं । ब्रह्मा ही विश्व का निर्मित और उपादान कारण है। समग्र विश्व में व्यापक रूप से…
आत्म साक्षात्कार
योग यानी निर्विचार स्थिति, ज्ञान यानी आत्मनिष्ठा, भक्ति यानी भगवन्निष्ठा। ‘सर्व खल्विदँ ब्रह्मा’। यह श्रवण का विषय है । फिर मन द्वारा ‘अहं ब्रह्मास्मि’ एसा संशयरहित ज्ञान होता है । सभी साधक आत्माओं में इतनी योग्यता नहीं होती , इस कारण ज्ञान मार्ग में ध्यान योग की सहायता एक या अन्य प्रकार से लिया जाती है। ज्ञान मार्ग में ज्ञान…
आत्मज्ञान
आत्मज्ञान हेतु नमस्कार और निष्काम कर्म के लिए सामायिक का अभयास जरूरी है । आत्मज्ञान के संस्कारों से पूर्व संस्कारों का नाश हो सकता है । निष्काम कर्म द्वारा नए-नए संस्कारों की उत्पत्ति को रोका जा सकता है । आत्मज्ञान हेतु सत्य आत्मा के स्वरूप का बार-बार अनुशीलन आवश्यक है । सत्य का ज्ञान होने पर गुरु का उपदेश तत्वमसी…