Ideas To Change Your Life
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“हमारी दोहरी विचारधारा का मापदंड”
हम कितने ज़्यादा चालक है? प्रभु को, गुरु को, धर्म को, सब को ठग लेते है। पाप कार्यों में कभी संतोष मानते नही है। पुष्प की प्रकृति में हमेशा संतोष को मानते है। अधर्म के कार्यों में जितना मिला उसको भोग लो यह वृत्ति होती है। धर्म के कार्यों में इतना ही मिला कैसे जैन धर्म पालेंगे यह फ़ीलिंग होती…
“ध्यान”
ध्यान से क्या नही मिलता है? सब कुछ मिलता है। इससे कषाय तो जाते ही है , साथ ही साथ केवलज्ञान भी प्राप्त होता है। परंतु यह तभी प्राप्त हो सकता है जब यह ध्यान आर्त-रौद्र के स्वरूप में नही हो तो। क्योंकि ध्यान यानी की एक पदार्थ से एकाकार हुआ चित! ध्यान शुभ भी हो सकता है और अशुभ…
“कर्म का खाता”
संतान के रूप में कौन आता है? पूर्व जन्म के कर्मों से ही हमें इस जन्म में माता-पिता,& भाई बहन, पति-पत्नि, प्रेमिका, मित्र-शत्रु, सगे-सम्बंधी इत्यादि संसार के जितने भी रिश्ते नाते है, सब मिलते है। क्योंकि इन सबको हमें या तो कुछ देना होता है, या इनसे कुछ लेना होता है। वेसे ही संतान के रूप में हमारा कोई पूर्वजन्म…
लघु हिमवंत पर्वत
मेरु पर्वत की दक्षिण दिशा में भरत और हिमवंत क्षेत्र के बिच में 1052 योजन 12 कला उत्तर दक्षिण चौड़ा और पूर्व पश्चिम पुरे जम्बू द्वीप में फैला चुल्ल हिमवंत पर्वत 100 योजन जमीन से ऊंचा है। स्वर्णमय, उज्ज्वल, चित्त आकर्षक यह पर्वत दोनों और पद्मवर वेदिका व् वनखण्ड से घिरा हुआ हे । यहाँ बहुत से वाण व्यन्तर देव…
फागण की फेरी क्यो?
कितने सालों से चली आ रही है ? छ गाउं की यात्रा में कौन से स्थल आते है । यानी मंदिर . भगवान नेमिनाथ के समय हुवे हुए। कृष्ण महाराजा के पुत्रों में शाम्ब और प्रध्युमन नाम के दो पुत्र थे। भगवान नेमीनाथ की पावन वाणी सुनकर शाम्ब -प्रध्युमन जी को वैराग्य हुआ। भगवान के पास दीक्षा लेकर परमात्मा की…