Ideas To Change Your Life
Archivers
रात्रि भोजन क्यों नहीं?
सुधीर- भाई सुनील ! रात्रि भोजन के करने से क्याहानि होती है,हमें समझाओॽ सुनील- हाँ सुनो। किसी जमाने में हस्तिनापुरनगर में यशोभद्र महाराज के यहाँ रुद्रदत्त नाम केएक पुरोहित जी थे। एक बार उनकी पत्नी ने रात्रिमें रसोई बनाई। चूल्हे के ऊपर बर्तन रखकरबघार के लिए वह हींग लेने बाहर चली गई। इधरएक मेंढक उछलकर उसमें गिर पड़ा। पुरोहित कीस्त्री…
जब तक इन्सान संस्करो भट्टी में तपता नहि है तब तक वह किसी का भी प्रिय बन नहि सकता है।
मानव को संस्कार प्राप्त बहुत ज़रूरी है संस्कार बिना का मानव पत्थर समान है संस्करो के बिना इन्सान कोयले के समान है जिस तरह से सोना खान में से निकलता है तब वह किसिको भी अच्छा नहि लगता है परंतु जैसे ही उसे भट्टी में तपाकर टिपा जाता है ओर संस्कार कर्म होने के बाद वह सबका प्रिय बन जाता…
एक डॉक्टर का जीवन शांति से भरा गुरुवर ने
एक डॉक्टर अपने परिवार के साथ एक आश्रम में गए। वहाँ पर उसने गुरुदेव से कहा कि मुझे शांति चाहिए। जब गुरु ने उससे पूछा क्या काम है तो उसने कहा कि मै एक सर्जन हूं नर्सिग होम का मालिक हूं। उसके पास धन था, दौलत भी थी , गाड़ी बंगला शौहरत भी थी। एक प्रेमिका जैसी पत्नी और खिलोने…
मनुष्य भव की सार्थकता
मनुष्य भव तभी सार्थक हो सकता है जब हम योग में जुड़े। इंद्रियो की अधीनता को समाप्त करे तभी कल्याण होता है। इंद्रियो की अधीनता के कारण ही अनादी काल से संसार में अटक रहे है। वासना की आग हमें संसार में सेक रही है। हम इसे सुख का भ्रम समज बेठे है तो वास्तव में हम ओर ज़्यादा दुखी…
एक दिन एक शिष्य ने गुरु से पूछा, ‘गुरुदेव,आपकी दृष्टि में यह संसार क्या है?
इस पर गुरु ने एक कथा सुनाई। ‘एक नगर में एक शीशमहल था। महल की हरेक दीवार पर सैकड़ों शीशे जडे़ हुए थे। एक दिन एक गुस्सैल कुत्ता महल में घुस गया। महल के भीतर उसे सैकड़ों कुत्ते दिखे, जो नाराज और दुखी लग रहे थे। उन्हें देखकर वह उन पर भौंकने लगा। उसे सैकड़ों कुत्ते अपने ऊपर भौंकते दिखने…