दिन की कहानी
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धर्म में अंतराय का पाप भारी
कुछ साल पहले घटी यह सत्य घटना हमें आनंद-आश्र्चर्य आदि अनेक भाव पैदा कर सके ऐसी है। अहमदाबाद शहर में यह लड़की अति धार्मिक परिवार में जन्म पाने का जबरदस्त पुण्य लेकर आई। हम उसे भव्या नाम से पहचानेंगे। उसके दादा आदि ने दीक्षा ली थी। पूर्व जन्म की साधना से एवं घर के संस्कारों से बचपन से उसे धर्म…
नवकार के प्रताप से मौत से बचाव
लगभग 21 साल पहले हम पांच साधु कावी तीर्थ जाने के लिए धुवारण के आरे से नाव में बैठे। मध्य में नाविक चिल्लाया “अरे! अब तो हम सब डूब जाएंगे…” पूछने पर उसने सबको कहा, “मैं बहुत सालों से नाव चलाता हूं। यहां भूल से हम आ गए हैं। यहां जल प्रताप (धोध) की तरह पानी का प्रवाह तेज होता…
लाखों धन्यवाद साधु जैसे श्रावक को
इस पुण्यशाली का नाम भी कितना पवित्र है? नाम इनका वीरचंद्र गोविंदजी। इनकी विशिष्ट आराधनाए बताऊ? जाननी है? खूब ध्यान से पढ़ो। १) प्रतिदिन दो प्रतिक्रमण और आठ( रिपीट आठ) सामयिक!! २) हर रोज लगभग एकासणा। ३) तीन लिलोतरी के सिवा सभी (हरी सब्जी)का त्याग। ४) प्राय : बरसात में बारह नहीं जाते! ५) कालवेला में खुले में साधु की…
पुत्रवधूएँ या पुत्रियां?
“हम पू. मातापिता की सेवा खूब करते थे। लेकिन मातापिताजी मुंबई की अशांति, हवामान की प्रतिकूलता आदि के वजह से सदा के लिए वतन गए हैं। हम दोनों भाई लगभग २० सालों से मुंबई में रहते हैं। व्यवसाय, परिवार, बाल-बच्चों की पढ़ाई आदि वजह से मुंबई छोड़ना मुश्किल है। उसी प्रकार परोपकारी माँबाप की सेवा से कैसे वंचित रह सकते…
सेव श्रावकत्त्व (श्रावक धर्म की रक्षा)
मुंबई के गुरुभक्त गोविंदभाई खोना प.पू. गुरुदेव, आचार्य भगवंत श्रीमद विजय रामचंद्रसूरीजी म.सा. मुंबई में जहां भी हो वहां जाकर प्रतिदिन अवश्य सहपरिवार वंदन करते। शेफाली के पी. पी. शाह सालों से हररोज प.पू. तपस्वी- सम्राट आ. भ. श्रीमद विजय हिमांशुसुरीश्वरजी म. सा. अमदाबाद में जहां भी हो वहां गुरुवंदन करने जाते ! धरणीधर के सतीशभाई, वासणा के मधुभाई आदि…