Story Of The Day

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दूसरों की जय से पहले खुद को जय करें

मैंने पूछा :- हे मेरे जीव, तू सारी दुनिया से लड़ सकता है, लड़ता है और विजय प्राप्ति की इच्छा भी रखता है, कई बार विजय प्राप्त कर भी लेता है, तो फिर तू खुद से क्यूँ नहीं लड़ता ? जीव का जवाब : क्यूँ की यह एक जगह है जहाँ मुझे “जीतना” नहीं, “जीना” है।” आहा! कितना मोह! अक्सर…

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राम, सीता, लक्ष्मण और रावण के कर्मों की विचित्रता

राम: दीक्षा लेकर उसी भव में “सिद्धपद” की साधना करते हुए, केवल ज्ञान पाकर “मोक्ष” गएl सीता: दीक्षा लेकर घोर तप करके 12 वे देवलोक में “प्रतिंद्र” के रूप में उत्पन्न हुई देवलोक में रहते हुए श्री राम को ध्यानमग्न देखा, उनके साथ धर्मचर्चा करने की इच्छा जागी देवलोक से सीता का रूप धारण करके उन्हें उपसर्ग किया किन्तु श्री…

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पाप किसी का बाप नहीं

अगर हम इन्द्रियों के दास बन गये, उसके पचड़े में पड़ गये तो उसका तो काम है कि, वह हमें जकड़ लेगी। जैसे एक बन्दी के साथ पाँच सिपाही हों और एक राजा के साथ पाँच सिपाही हों, तो सिपाही तो दोनों के साथ हैं किन्तु दोनों में बहुत अन्तर है। एक जो बन्दी है, उसको सिपाही जहाँ ले जाएंगे…

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केसर के आंसू

टाइटल पढ़ के ही आपको आधी बात समज में आ गई होगी फिर भी… लगभग हम सभी पूजा करते समय मंदिर में जो केसर पुजारीजी बना के रखते हैं वो ही उपयोग करते हे, हाँ बहोत से लोग ऐसे भीं हैं, जो स्वद्रव्य का उपयोग करते हैं तो अपना ही केसर उपयोग में लेते हैं। लगभग हम हर जगह पोस्टर…

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जो भी होगा भले के लिए ही होगा

एक आदमी की नई नई शादी हुई और वो अपनी पत्नि के साथ वापिस आ रहे थे। रास्ते में वो दोनों एक बडी झील को नाव के द्वारा पार कर रहे थे, तभी अचानक एक भयंकर तूफ़ान आ गया, वो आदमी वीर था लेकिन औरत बहुत डरी हुई थी क्योंकि हालात बिल्कुल खराब थी। नाव बहुत छोटी थी और तूफ़ान…

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