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राज्य भी मिला, राजकुमारी भी!– भाग 7
दूसरी महत्व की बात सुन लो…!’ महाराजा का स्वर गुंजा । पूरी सभा खामोश हो गयी । ‘मै राजकुमारी गुणमंजरी की शादी कुमार विमलयश के साथ करने की घोषणा करता हु !’ प्रजाजन नाच उठे ! गुणमंजरी शरम से छुईमुई से हो उठी । दौड़कर जवनिका में चली गई । अपनी माँ के उत्संग में चेहरा छुपाकर अपने भीतर उफनते–,उछलते…
राज्य भी मिला, राजकुमारी भी!– भाग 6
विमलयश ने राजसभा मे बैठे हुए तस्कर को इशारा किया । तस्कर खड़ा हुआ… ओर महाराजा के सामने आकर नतमस्तक होकर खड़ा रहा। पलभर के लिए तो सन्नाटा छा गया ! पूरी सभा के मुह से ‘अरे !’ निकल गया । चूंकि सबने किसी डरावने–भयावह चहरेवाले दैत्याकार व्यक्ति के रूप में चोर की कल्पना कर रखी थी ! जबकि सामने…
राज्य भी मिला, राजकुमारी भी!– भाग 4
हे भगवंत आप कृपा करें ! महाराजा की तहेदिल की प्रार्थना के साथ साथ वातावरण में यकायक परिवर्तन आने लगा । मयूरों का केकराव मुखरित हो उठा । अबूझा की डाली पर बैठी कोयल कुहक कुहक कर शोर मचाने लगी । पेड़ो की डालीया झूमती हुई नाचने लगी । जैसे ही सारी प्रकृति पुलकित होकर नृत्य करने लगी । कुदरत…
राज्य भी मिला, राजकुमारी भी!– भाग 3
महाराज के साथ नगर के बाहरी इलाके में आये । महाराजा ने अपने सेवको से कहा : ‘चिता रचा दो ।’ बेचारा सेवक ! आंसू बहाती आंखों से और भारी दिल से राजा की आज्ञा का पालन करते हुए चिता रचाने लगा । महाराजा और महारानी जमीन पर बैठ गए । महाराजा ने श्री नवकार महामन्त्र का मंगल स्मरण किया…
राज्य भी मिला, राजकुमारी भी!– भाग 2
महाराजा गुणपाल भय से सिहर उठे । दौड़ते हुए वापस महल में लौटे। मंत्रीगण, सेनापति, नागरश्रेष्टि… सभी एकत्र हो गए थे । ‘ओह ! गजब हो गया ! चोर ने कहर ढा दिया है ! विमलयश का अपहरण हो गया है । उसकी धन संपत्ति भी चली गई है ।’ बोलते-बोलते राजा अपनी हथेलियों में मुह छुपाकर फफक पड़े। !…