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शिवकुमार – भाग 6
कौन हे झोपडी में ?’हमने जवाब नहीं दिया ।उसने दुसरी बार आवाज लगाई। हम मोन रहे ,और तीसरी बार उसने पुछा ही था की इतने में तो तबड़क ….तबडक करते हुए घोड़ो की आवाज सुनायी दी ।दूसरा डाकू बोला :अरे भाग यहाँ से यह तो घुड़ सवार आते लगते हे …’और डाकु वह से भाग गये । दो गुड्सवार वहा…
शिवकुमार – भाग 5
गई थीं। जब साध्वीजी ने कहा :’आज भी ऐसे दिव्य प्रभाव देखने को मिलने हे -यह सुनकर सुरसुन्दरी ने पूछा :’क्या आप के जीवन में आपने कोई इसा प्रभाव देखा हे ?अनुभव किया ?हे मुझे लगता हे की आपको जरूर कोई दिव्य अनुभव हुआ ही होगा। यदि मुझे कहने में … ‘कोई एतराज नहीं हे… सुन्दरी तुझे कहने में ।’सुन,…
शिवकुमार – भाग 4
वेेताल का गुस्सा फुट पड़ा। वह अधोरि की और लपका।उसे तो खून की प्यास थी। उसने कटारी का प्रहार अधोरि पर ही कर दिया ।जेसे ही अधोरि पर कटारी का प्रहार हुआ… अधोरि का पूरा शरीर सुवर्ण पुरुष में बदल गया ।उसका शरीर सोने का हो गया । यदि वही प्रहार शिव कुमार पर होता तो शिवकुमार का मृतदेह सोने…
शिवकुमार – भाग 3
एक दिन नगर के बाहर शिवकुमार भटक रहा था, तब अचानक उसके सामने एक अधोरि बाबा आकर खड़ा रह गया ।अधोरि ने शिवकुमार से कहा: ‘ तु गरीब हो गया लगता हे?’ ‘हा …’ ‘बोल, पेसा चाहिए। ?’ ‘हा, क्यों नहीं?’ ‘मेरा एक काम यदि तु करेगा तो तुझे ढेर सारा सोना मिलेगा ।’ जरूर …आप कहोगे वेसे करूँगा… कहिये…
शिवकुमार – भाग 2
रत्नपूरी नाम का एक नगर था उसका राजा था दमितारी ।उसी नगर में यशोभद्र नाम के एक परमात्मा भक्त सेठ रहते थे ।हमेशा वे एकाग्र मन से श्री पंचपरमेष्ठि नमस्कार महामंत्र का स्मरण किया करते थे । यशोभद्र सेठ के राजा के साथ भी अच्छे संबध थे । सेठ का एकलौता लड़का था शिवकुमार तरुणावस्था से ही वो बुरे दोस्तों…