Ideas To Change Your Life
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गोशाला का पूर्वजन्म
कितने ही चौबीसीओ पहले इस भरतक्षेत्र में ‘उदायी’ नामक तीर्थंकर हुये। उनके निर्वाण -कल्याणक का महोत्सव देखकर एक प्रत्येक बुद्ध की आत्मा को वही जातिस्मरण ज्ञान हो गया। दीक्षा स्वीकारी। पर्षदा के सामने देशना देने लगे। इस प्रत्येकबुद्ध मुनि की देशना में एक ‘ईश्वर’ नामक भारेकर्मी जीव आया। इस समय प्रथ्वीकाय के जीवों का वर्णन देशना में हो रहा था।…
जिनदास देव का पूर्वजन्म
पहले देवलोक में जिनदास नामक एक सम्यकदृष्टि देवता बसता है उसके पूर्व भव का वृतान्त अत्यन्त बोधप्रद बने ऐसा होने से यहाँ पेश कर रहे है । जिनदास के इस द्रष्टान्त में से समता तथा धीरता का हदय स्पर्शी उपदेश ध्वनित हो रहा है समता तथा धीरता की ऐसी पराकाष्ठा एक श्रावक भी प्राप्त कर सकता है इसका यहाँ दर्शन…
धुपसार कुमार का पूर्वजन्म
क्षेमंकरसेठ के पुत्र का नाम दुपसार । जैसा नाम वैसा ही गुण । उसके समग्र शारीर में से सुमधुर सुगंध सतत प्रसारित होती थी । दुनिया का कोई धुप जैसी सुगंध न दे सके , वैसी लीज्जत भरी यह सुगंध थी । जन्मते ही उसके शरीर का यह अतिशय था । पूण्य की कोई गजब राशि साथ में लेकर वह…
इंद्रजीत , मेघवाहन तथा मंदोदरी के पूर्व जन्म
रावण के वीर पुत्र इंद्रजीत , मेघवाहन एवं उनकी माता मंदोदरी को कोन नही पहचानता?इन तीनो का आपस का स्नेहसंबंध उनके पिछले जन्मों से चला आ रहा था और भव में उसने खुद का विस्तार बढ़ाया भी था। उस मंदोदरी को धन्य है जिसके सतीत्व की देवो ने प्रशंसा की ।उन इंद्रजीत तथा मेघवाहन को धन्य है जिन्होंने कभी भी…
रावण, लक्ष्मण तथा सीता: पूर्व जन्म के संबंध
लगभग हर क्लेश का बीज स्त्री बनती है या संपति बनती है तथा हरेक को धर्मप्राप्ति का बीज प्रायः गुरु बनते है। इस वास्तविकता से रावण , लक्ष्मण तथा सीता की भावयात्रा किस तरह से अलग हो सकती है? सीता के निमित्त से रावण तथा लक्ष्मण के बीच से इस भव में जैसे प्रचंड क्लेश हुआ वैसे ही पिछले जन्मों…