Ideas To Change Your Life
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हम गुस्से में क्यों ज़ोर ज़ोर से बोलते है
एक साधु महात्मा उनके कई सारे शिष्यो के साथ नदी पर स्नान करने के लिए गए। वहाँ पर एक परिवार के लोग ज़ोर जोर से आवाज़ करके एक दूसरे से झगड रहे थे। तभी गुरु शिष्यो की ओर स्मित करते हुए बोले तुम को पता है की लोग जब गुस्से में होते है तो एक दूसरे से क्यों जोर-ज़ोर से…
“वेशभूषा” देश और संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए
आज हमारी भारतीय सभ्यता बडी संकट मे नजर आ रही है। हमारा रहन- सहन, भाषा और वेषभूषा का हमारे जीवन के साथ बडा गहरा संबंध है। आज हम Western के रंग मे रंगे जा रहे है और हमारी East की गौरवशाली सभ्यता का त्याग कर रहे है। आज आपको दुःख होता है? आपकी स्वतंत्रता का हनन होता है। जब हम…
दुसरो की भाषा सदा निराशा
वाणी वह मानवसृष्टी का एक उत्तम वरदान है और इस वरदान को सफल करने का माध्यम भाषा है। जिस तरह बिजली को प्रसरित करने के लिये तार चाहिए ठीक उसी तरह से वाणी को प्रसरित करने के लिए भाषा चाहिए। वर्त्तमान विश्व आज भी हज़ारो भाषाओ और बोतीओ की समृदि को धारण करता है। भाषाज्ञान भी ज्ञान विकास का एक…
धर्म वह कोई सिखने की वस्तु नहीं सहज स्वभाव है
धर्म चार प्रकार का है- मै यहाँ पर हिन्दू धर्म, मुस्लिम धर्म, ख्रिस्ती धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म या अन्य कोई धर्म की बात नही कर रहा हूँ। सारे धर्मो ने अपनी परम्परा और जीवन जीने पदृति की उद्यघोषणा की है। परन्तु में मूल भुत रूप से धर्म के चार पार्ट है। मै उन्ही 4 पार्ट की बात कर रहा…
जिनशासन को 4G की स्पीड से आगे बढाना है तो युवाओ को आगे आना ही होगा
धर्म- देश संस्था कुछ भी है अगर उसे ग्रोथ कर सफलता के शिखरो पर पहुँचाना है तो युवाओ को आगे आना होगा। जिनशासन को आज युथ की आवशयकता है। क्योकि युथ के पास जोश है, सोच ओर कुछ करने का स्वप्न है। यह आकर संघ मे नई चेतना भर सकते है।और इस चेतना का अर्नज हमारे जेनो के युवाओ को…