Ideas To Change Your Life
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माँ का उपकार
एक अमीर था। वह अपनी माँ को बहुत प्यार करता था। एक दिन वह बैठकर सोच रहा था *मेरी माँ ने मुझे पालने में बहुत तकलीफे उठाई। बदले में मुझे माँ के लिए कुछ करना चाहिए। तभी मै अपने ऊपर से माँ का कर्जा उत्तर सकता हूँ।* उसने कई बोरे अनाज, दाल, चीनी, बहुत-सा सोना और रुपये इकट्ठे किये। एक…
परस्त्री का त्याग और स्व-स्त्री में संतोषवृत्ति
विषय सुख की वासना अच्छे-अच्छे आदमियों को भी हैवान एवं पाप से डरने वालों को भी पापासक्त बना सकती है। साधु पुरुषों के लिए तो काम-भावना के उद्देश्य से इन्द्रियों का यत्किंचित विचार भी धिक्कार और दोष रूप होता है। उन्हें तो मन, वचन, काया से सर्व प्रकार के सम्भोगों का त्याग ही करना होता है। गृहस्थों में जो सर्वथा…
संगम (श्री शालीभद्र का पूर्व जन्म)
शालीग्राम में एक गरीब विधवा रहती थी। उनका नाम *धन्या* था। वो अपने संगम नामक पुत्र के साथ रहती थी। संगम नगरजनो के पशुओं को चरवाता था। किसी पूर्वोत्सव में सब घरो में बनती हुई खीर देखकर संगम ने अपनी माँ से कहा – ” *माँ! मेरे लिए तू खीर क्यों नही बनाती?* माता सोच में आ गयी की ”…
प्रभु की प्राप्ति किसे होती है..?
एक सुन्दर कहानी है :– एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने इष्ट देव की बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ और याद करता था। एक दिन इष्ट देव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये तथा कहा — “राजन् मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हैं। बोलो तुम्हारी कोई इछा हॆ?” प्रजा को…
कर्ज का भय
बात पहले की है । एक बार हरिलाल नामक एक किसान आया और मुझसे पूछने लगा-‘तुम सागरमलजी के लड़के हो क्या?’ मेरे ‘हाँ’ कहने पर वह सौ रुपये निकल कर देंने लगा और बोला-‘बहुत दिन हुए मै तुम्हारे पिताजी से एक सौ उधार ले गया था।उस समय तुम बहुत छोटे थे । अबतक मैं वे रुपये नही लौटा सका।अब मेरे…