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जीवदया जैनों की प्राण हें

जीवदया जैनों की प्राण हें।
संघ की समृद्धि का महत्वपूर्ण कारण हे।
करोड़ों की लागत से पंजरापोल में जीवो को अभयदान देने वाले हम, अज्ञान और उपेक्षा के कारण,घर के अन्दर ही नंत/असंख्य जीवों की हिंसा तो नहीं कर रहें हें ?
यह जानने और उस हिंसा से बचने के लिये श्री नाकोड़ा दरबार ग्रुप आपके समक्ष कुछ जानकारी और हिंसा से बचने के उपाय प्रस्तुत करने का एक छोटा-सा प्रयास कर रहा हें,इस अवश्य पढ़े और अपने जीवन में उपयोग में लेकर जयणा का पालन करे।

1. जो चीज़ में पानी का अंश रहा हें, कड़क सेकी/तली नहीं गई, नरम हें, उसमे दुसरे दिन असंख्य त्रस जीवों की उत्पति होती हें,उसे खाने से उन जीवों की हिंसा होती हें, इसलिए ऐसी चीजे अभक्ष्य हें।

दुसरे दिन बासी होने वाले पदार्थ
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कच्चा मावा,जो लाल-कड़क सेका नहीं गया, या जिसमे चासनी कच्ची हो।
कच्चे मावे की मिठाईयाँ-बर्फी,पेडे इत्यादि।
तीन तार की चासनी ही पक्की होती हें और ऐसी चासनी में बनी हुई मिठाई ही दुसरे दिन भक्ष्य होती हें । इसलिएकच्ची चासनी मे बनी सभी मिठाईयाँ , जेसे-जलेबी ,इमरती,गुलाब जामुन,घेवर इत्यादि।

आपको पता हें? कि
चींटियों को भूल से भी न मारने वाले आप धान्य कीटों के कलेवरों को खा रहे हें;
यदि आप…

1. बाजार का आटा, मैदा, रवा, बेसन उपयोग करते हो।

2. बाजार के नमकीन -सेव- भुजिया आदि खाते हे; जिसका धान्य छानबीन किये बिना ही पीसा जाता हें।

कच्ची चासनी में बनी हुई बूंदी, लड्डू, खोपरे की बर्फी।
कच्ची चासनी में बने हुए शर्बत।
कच्ची चासनीवाले/नरम आचार।
सभी बंगाली मिठाइयाँ।
दूध की मलाई, पनीर।
एसेन्स या एसेन्स डाला गया हो, छांट दिया गया हो ऐसी मिठाइयाँ।
श्रीखंड
सका हुआ पापड़
नरम पूरी, वडे
टमाटर सोस
चटनी
आमरस
नरम बिस्किट पाव
लौकी(दुधी), खोपरे आदि का हलवा।
रात को भिगोये हुए कठोल।
रात को बनाई हुई रसोई, चावल।
ठंडे पेय(कोल्ड ड्रिंक्स)
काटे हुए फल/ सब्जियां
घी में नहीं सेका हुआ चूरमा।
रात को खमीर(आथा) डाला गया हो ऐसे इडली, डोसा, चिलड़े(ढोकला), उत्तपा इत्यादि।
गन्ने का रस 2प्रहर(करीब ५।।से ६ घंटे) के बाद अभक्ष्य होता हें।

रामायण कथा का एक अंश
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