एक ट्रक में मारबल का सामान जा रहा था,
उसमे टाईल्स भी थी, और
भगवान की मूर्ती भी थी…!!
रास्ते में टाईल्स ने मूर्ती से पूछा..
“भाई ऊपर वाले ने हमारे साथ ऐसा भेद-भाव क्यों किया है?”
मूर्ती ने पूछा, “कैसा भेद भाव?”
टाईल्स ने कहा,
“तुम भी पथ्थर मै भी पथतर ..!!
तुम भी उसी खान से निकले,
मै भी..
तुम्हे भी उसी ने ख़रीदा बेचा, मुझे भी..
तुम भी मन्दिर में जाओगे, मै भी …
पर वहां तुम्हारी पूजा होगी…
और मै पैरो तले रौंदा जाउंगा… ऐसा क्यों?”
मूर्ती ने बड़ी शालीनता से जवाब दिया,
“तुम्हे जब तराशा गया,
तब तुमसे दर्द सहन नही हुवा;
और तुम टूट गये टुकड़ो में बंट गये …
और मुझे जब तराशा गया तब मैने दर्द सहा,
मुझ पर लाखो हथोड़े बरसाये गये,
मै रोया नही…!!
मेरी आँख बनी, कान बने, हाथ बना, पांव बने…
फिर भी मैं टूटा नही….!!
इस तरहा मेरा रूप निखर गया …
और मै पूजनीय हो गया…!!
तुम भी दर्द सहते तो तुम भी पूजे जाते..
मगर तुम टूट गए…
और टूटने वाले हमेशा पैरों तले रोंदे जाते है…!!”
# मोरल #
भगवान जब आपको तराश रहा हो तो,
टूट मत जाना …
हिम्मत मत हारना…!!
अपनी रफ़्तार से आगे बढते जाना,
मंजिल जरूर मिलेगी….!!
सुन्दर पंक्तियाँ:
मुश्किलें केवल बहतरीन लोगों
के हिस्से में ही आती हैं…
क्यूंकि वो लोग ही उसे बेहतरीन
तरीके से अंजाम देने की ताकत
रखते हैं..!!
“रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी
आयेगा…!
थक कर ना बैठ, ऐ मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और
जीने का मजा भी आयेगा…!!”