विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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संस्कार दर्शन तो रोज के व्यवहार मे होते है
संस्कार किसे कहते है? संस्कार यानि क्या? इन प्रश्नो का सीधा और जल्दी जवाब नही दिया जा सकता है। संस्कार एक- दो बातो मे या एक- दो दिन के वर्तन मे नही होते है। संस्कार तो सनातन है। मानव के हर रोज के व्यवहार मे ही संस्कार के दर्शन होते है। संस्कारो को एक दम सरल और असर कारक भाषा…
आज जैन धर्म की जरूरत
आज हम 21वी सदी मे जीवन यापन कर रहे है और हमारे पूर्वज एक बहुत बडी भव्य जिनालय की विशाल श्रंखला हमे विरासत मे देकर गये है। पर आज हमारे जिनालयो मे उपाश्रायो मे आज की पीढ़ी नही आ रही है। और अगर ऐसा ही चलता रहा तो आज से 25 साल बाद का भविष्य हमारा बडा खराब हो जाएगा।…
सुख और दुःख कोई तराजू नही है
दुनिया मे कितना गम है। मेरा गम कितना कम है। खुद का दुःख दुसरो के दुःख से कितना कम है- इस तरह के गलत आश्वासन मानव खुद को देता रहता है। कोई को ज्यादा दुःखी देखता है तो खुद को दिलासा देता रहता है- की इससे तो हम सुखी है। और जब ज्यादा सुखी को देखते है तो हम खुद…
लाईफ का गुडबायॅ भी इतिहास बन सकता है
जिंदगी का अंतिम क्षण भी श्रेष्ट जीवन और श्रेष्ट सर्जन का चान्स दे देती है। अब आशा तो यही रखना है कि श्रेष्ट अब होने वाला है। बेस्ट अब जीना है। हर नये साल मे प्रश्न होना चाहिए ” whats next? ” तो हमेशा जवाब यही होना चाहिए ” Next will be the best” जो होने वाला है वह अच्छा…
सुख के बिना सफलता का कोई मतलब नही है।
सुख और सम्बन्ध बहुत ही अट पटी चीज़ है। इंसान जीवन भर कुछ करता है पर किस लिए करता है ?? तो सुख के लिए यह जवाब मजदुर से लगाकर मालिक तक सभी यही करेगे। एक गुरु ने अपने 10 शिष्यो से यह प्रश्न किया की सुख यानि क्या है? तुम्हे कब सुख का अनुभव होता है?? शिष्यो में एक…