विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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औचित्य माता पिता का – भाग 9
माता-पिता से अनुकूल व्यवहार: यहां आगे कहा गया है कि माता-पिता के अनुकूल व्यवहार करें। घर में रसोई बने तो उसमें भी माता-पिता की अनुकूलता को ध्यान में रखकर से बनाए। आज से ही यह परिवर्तन लागू कर दे। रसोई बनाने से पहले उनसे पूछे कि उन्हें क्या पसंद है और क्या नहीं? सभा: पूछने के बावजूद न बताएं तो?…
औचित्य माता पिता का – भाग 8
हमारा सौभाग्य है कि हमें लाभ मिला! माता-पिता को बीमारी आए और लंबी चले तो पुत्र माने कि ‘मुझे सेवा का मौका मिला। उनका ऋण अंशतः भी चुकाने का मौका मिला। उनकी सेवा में लाखों रुपए खर्च हो जाए तो वह सदुपयोग है। मेरी लक्ष्मी सार्थक हुई। जैसे जिनेश्वरदेव की भक्ति में जो उपयोग हुआ वह सब सार्थक है, वैसे…
औचित्य माता पिता का – भाग 7
पुत्र के लिए समय मिले, माता-पिता के लिए नहीं: आज हमने यह बात की जिससे जिन्हें माता-पिता की सेवा पसंद नहीं, ऐसे बेशर्म हमसे भी आकर कह दे। ‘महाराज साहब! घर में दो लोग हैं। धंधे का टेंशन, बालकों के स्कूल का टेंशन, इन सब जिम्मेदारियों के बीच यह सब करना संभव नहीं होगा। साहब! पुराने जमाने में संयुक्त परिवार…
औचित्य माता पिता का – भाग 6
वह घर नहीं बल्कि श्मशान है: कई बार तो हमें मांगलिक सुनाने ले जाए और बाद में हमसे पूछे कि ‘महाराज साहब! आपको क्या लगता है?’ इसलिए शुरुआत में तो मैं यह समझा जाता था ‘कि अच्छा होगा या नहीं’ यह पूछते होंगे। किंतु धीरे से बोले कि, ‘महाराज साहब! डॉक्टर ने तो साफ इंकार कर दिया है, वह जीवित…
औचित्य माता पिता का – भाग 5
ऐसी अमीरी श्रापरूप है: वयोवृद्ध माता-पिता को स्नान कराने की जिम्मेदारी भी आपकी है। उनके शरीर को कष्ट न पहुंचे इस प्रकार उन्हें संभालने की जिम्मेदारी भी आपकी है। उन्हें वस्त्र पहनाने की जिम्मेदारी भी आपकी है। आप अमीर होने के कारण उनकी सेवा के लिए दो व्यक्ति रख लेते हैं, इस प्रकार मेरा सेवा का कर्तव्य पूरा हुआ- ऐसा…