विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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औचित्य माता पिता का – भाग 14
माता-पिता का अरमान पूर्ण करें: पुनः अपनी मूल बात पर आएं।- जो कुछ करें माता पिता की आज्ञा लेकर करें। माता-पिता जिसके लिए मना करें, वह कार्य कदापि न करें। माता-पिता डांटे तो प्रेम से सुने! उनके मनोरथ संभव प्रयत्नों से जल्द से जल्द पूर्ण करें। उसका मनोरथ हो कि पालिताना का संघ ले जाना है, 200-250 लोगों का ले…
औचित्य माता पिता का – भाग 13
जनरेशन गैप के नाम पर: सभा: माता-पिता पुराने जमाने की हो, मितव्ययता से जीते हो और पुत्र अधिक कमाते हो, मौज मस्ती से जीते हो, यह माता-पिता बर्दाश्त न कर पाए तो जनरेशन गैप के कारण क्लेष पैदा होता है। यह नया शब्द ‘जनरेशन गैप’ ऐसा लाए हो तो आपकी स्वच्छंदता बढ़ाने में निमित्त बनता है। माता-पिता को दुख हो,…
औचित्य माता पिता का – भाग 12
माता पिता एवं उनकी आज्ञा: परमतारक परम गुरुदेव ने अजैनो से भरचक सभा में रामायण पर प्रवचन किए थे। अजैनो की सभा में जैन रामायण पढ़ना कितना मुश्किल काम है। यह तो जो पड़े वह जानता है। अजैन भड़क न जाए और जैन सिद्धांतों की अवमानना न हो यह ध्यान रखकर प्रवचन करना सरल काम नहीं है। परम श्रद्धेय गुरुदेव…
औचित्य माता पिता का – भाग 11
कथानुयोग सामान्य नहीं, यह एक उच्च साधना है: भूतकाल में घर के बुजुर्ग रात पड़ने पर पूरे परिवार को एकत्र करके कहते ‘आज महाराज साहब ने व्याख्यान में कैसी-कैसी बातें कहीं, कौन से महापुरुष का दृष्टांत दिया था?’ इस प्रकार की पृच्छा करके अपने भी अनुभव बढ़ाते थे। धर्म की, नीति की बातों से परिवार के सभी लोगों का मानस…
औचित्य माता पिता का – भाग 10
परमात्मा भी बड़ों का विनय करते थे: आप तो कहोगे कि यह तो संसार त्यागी की बात है। लेकिन भगवान श्री महावीर परमात्मा संसार में थे, तब माता-पिता का कैसा विनय करते थे? परमात्मा की शादी के लिए राज्यसभा में रिश्ते आए। माता-पिता की इच्छा भी ऐसी ही थी कि वर्धमानकुमार शादी करें। किंतु वर्धमानकुमार से कैसे बात करें? सभी…