विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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कलिकुंड तीर्थ की स्थापना का बीज बननेवाले पार्श्वभक्त हाथी का पूर्व जन्म:
चंपानगरी के नजदीक में कादंबरी नाम का घोर जंगल था। इस जंगल में कली नामक पर्वत था तथा पर्वत की तलहटी में कुंड नामक सरोवर था। एक बार पार्श्वप्रभु कांदबरी जंगल में पधारे। कलीपर्वत के नीचे कुंड सरोवर के पास काऊसग्ग करते रहे। प्रभू का छाद्धस्थकाल चल रहा था । इसी जंगल में महीधर नामक युठाधिपति हाथी था । घूमता…
दलीलबाजी से बचने में ही लाभ है
एकबार पवन और सूर्य के बीच बात हो रही थी तब धरती पर से एक बूढ़ा काला कोट पहनकर जा रहा था। उसे देखकर पवन ने सूर्य से कहा: मुझ में इतनी ज्यादा ताकत ही की इस बूढे के कोट को मै उडा दूँ। सूर्य ने मात्र मुस्कान बिखेरी। न तो उसके सामने कोई तर्क ही किया और न कोई…
नारी के दो आभूषण शील एवं साम्य्क्त्व
पुत्री को विदा करते समय समकिती माता पिता उसे हीत शिक्षा देते है की बेटा! तू शील और समयक्तव का शुद्धता से पालन करना। इनके साथ कभी भी समजोता मत करना… जैन कुल के जन्मी नारी के दो ही आभूषण होते है।एक शील तो दूसरा समयक्तव। इन दोनो आभूषणो से सदैव उसका जीवन शोभित होना चाहिए। इन दोनो आभूषणो से…
एक आदमी तथा नारदमुनि
एक आदमी ने नारदमुनि से पूछा मेरे भाग्य में कितना धन है… : नारदमुनि ने कहा – भगवान विष्णु से पूछकर कल बताऊंगा… : नारदमुनि ने कहा- 1 रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में है… : आदमी बहुत खुश रहने लगा… उसकी जरूरते 1 रूपये में पूरी हो जाती थी… : एक दिन उसके मित्र ने कहा में तुम्हारे सादगी जीवन…
भेरुशा की कैसी करुणा
भारत पर आक्रमण कर विजयी हुए हुमायू नौहज़ार भारतीयो को कैद कर लिया। उसने अपने निजी लोगो से कहा कि *इन सारे कैदियो को विदेश ले जाओ पर रास्ते में उनको इतना आतंकित कर देना ,इतना तंग करना की वे मेरे वतन तक पहुँचते पहुँचते मर जाये।* बादशाह की बात का अमल शुरू हुआ। रास्ते में भेरूशा नामक एक जैन…