दिन की कहानी
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दिन की कहानी 30, जनवरी 2016
समय दस्तक दे रहा है एक दिपक होता है, जिसमें एक लौ सदाए प्रकाश फैलाती होती है, जीसकी रोशनी से हमारा जीवन भी झगमगाता रहेता है । पर अब इस ‘संसार रूपी’ दिए मे ‘समय रूपी’ तेल घट रहा है, अवसर्पिणी काल की तरफ संसार कदम बढा रहा है, जिसे कलयुग भी कहते है…। जिसमे पूण्य का पतन और पाप…
दिन की कहानी 28, जनवरी 2016
जब तक आत्मा का मोक्ष नही हो, जिव 84 लाख योनि में भव भ्रमण करता है । ततपश्चात कर्म अनुसार यह जिव एकेन्द्रिय- बेइंद्रिय- त्रिन्द्रिय- चतुरिंद्रिय और पचेंद्रिय गति में जिव जन्म लेता है । जितनी इन्द्रिय ज्यादा उतना जिव के पतित होने का कारण बढ़ जाता है । स्पर्श इन्द्रिय के कारण स्पर्श के लालच में मानव निर्मित खड्डे…
दिन की कहानी 22, जनवरी 2016
” जब मैंने जन्म लिया, वहां “एक नारी” थी जिसने मुझे थाम लिया “ || मेरी माँ || बचपन में जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया “एक नारी” वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी । || मेरी बहन || जब मैं स्कूल गया “एक नारी” ने मुझे पढ़ने और सिखने में मदद की । ||…
दिन की कहानी 22, जनवरी 2016
जीवन की सचाई एक आदमी की चार पत्नियाँ थी । वह अपनी चौथी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसकी खूब देखभाल करता व उसको सबसे श्रेष्ठ मान देता था । वह अपनी तीसरी पत्नी से भी प्यार करता था और हमेशा उसे अपने मित्रों को दिखाना चाहता था । हालांकि उसे हमेशा डर था की वह कभी भी…
दिन की कहानी 22, जनवरी 2016
|| विद्या का सदुपयोग || एक व्यक्ति पशु पक्षियों का व्यापार किया करता था । एक दिन उसे पता लगा कि उसके गुरु को पशु पक्षियों की बोली की समझ है । उसके मन में ये ख्याल आया कि कितना अच्छा हो, अगर ये विद्या उसे भी मिल जाये तो उसके लिए भी यह फायदेमंद हो । वह पहुँच गया…