विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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मन की सफाई
एक बार श्रमणो मे ज्ञानचर्चा चल रही थी। प्रत्येक चर्चा मे मतभेद तो होते रहते है। जिस चर्चा मे मतभेद नही उसमे रस भी नही होता। इन्टरेस्ट भी नही जागता है। यहा तो साधु भगवन्तो मे चर्चा चल रही थी। चर्चा का विषय भी रोचक था। रोचक विषय से चर्चा मजेदार हो गई थी। चर्चा का विषय था ” भवसागर…
प्रभु पर श्रद्धा तो एक वाक्य जीवन की राह बन जाता है।
एक व्यक्ति ने एक वाक्य पढा और उसी समय उसका जीवन बदल गया। कथीर को अगर कोई परम पारस का स्पर्श हो जाये तो पलभर मे कंचन मे पलट जाता है। उसी प्रकार मेरा जीवन पलट गया। वही युवान उत्साह से लेखक के पास गया और बोला जब से मेने एक वाक्य पढा है तब से मै उसका सतत् रटन…
इस दोस्ती से मेरी इमेज तो नही बिगड रही है?
हे तारणहार! इन्सान का परिचय उसके मित्र वर्ग पर से होता है। एक इन्सान था। उसके छः मित्र थे। उसके कैसे छः मित्र थे उसका हम यहा पर थोडा सा परिचय दे रहे है- पहला मित्र तो हमेशा विष्टा का डिब्बा ले कर ही धुमता था। किसी भी समय उसे देखो तो सदैव उसके हाथ मे विष्टा का डिब्बा रहता…
जब स्वार्थ छूटता है तो निस्पृहता प्रगट हो जाती है
एक महात्मा थे। उनका नाम था मस्तराम ऐकांतसेवी। खुद की मस्ती से ईश्वर की भक्ति करते।निजानंद मे जीते जब इच्छा होतीे वहा बैठते। जहाँ इच्छा होती वहा घुमते और गाँव के लास्ट मे एक झाड के नीचे रहते थे। एक बार गांव के चोराये पर बराबर बीच मे लंबे होकर पेड थे। और राजा की सवारी वहाँ से निकलने वाली…
उदारता की सुगंध पुरे समाज को सुगंधित करती है
जीवन के हर एक राह में स्पीड ब्रेकर होते है। प्रवास में स्पीड ब्रेकर को देखकर हम प्रवास को नही रोकते है। बस ऐसा ही उदारता का प्रवास है जिसमे दुश्मनी के ब्रेकर देखकर रुकना मत। ऐसा ही एक किस्सा मुझे याद आ रहा है। शाम हो रही थी एक मुस्लिम युवती मुजदूरी कर के घर की तरफ आ रही…