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Story Of The Day 22nd, January 2016

|| विद्या का सदुपयोग ||

एक व्यक्ति पशु पक्षियों का व्यापार किया करता था । एक दिन उसे पता लगा कि उसके गुरु को पशु पक्षियों की बोली की समझ है । उसके मन में ये ख्याल आया कि कितना अच्छा हो, अगर ये विद्या उसे भी मिल जाये तो उसके लिए भी यह फायदेमंद हो । वह पहुँच गया अपने गुरु के पास और उनकी खूब सेवा पानी की और उनसे ये विद्या सिखाने के लिए आग्रह किया ।
गुरु ने उसे वो विद्या सिखा तो दी लेकिन साथ ही उसे चेतावनी भी दी कि अपने लोभ के लिए वो इसका इस्तेमाल नहीं करें अन्यथा उसे इस कुफल भोगना पड़ेगा । व्यक्ति ने हामी भर दी और वो घर आया तो उसने अपने कबूतरों के जोड़े को यह कहते हुए सुना कि मालिक का घोडा दो दिन बाद मरने वाला है इस पर उसने अगले ही दिन घोड़े को अच्छे दाम पर बेच दिया । अब उसे भरोसा होने लगा कि पशु पक्षी एक दूसरे को अच्छे से जानते है ।
अगले दिन उसने अपने कुत्ते को यह कहते हुए सुना कि मालिक की मुर्गिया जल्दी ही मर जाएँगी तो उसने बाजार जाकर सारी मुर्गियों को अच्छे दामों पर बेच दिया । और कई दिनों बाद उसने सुना कि शहर की अधिकतर मुर्गियां किसी महामारी की वजह से मर चुकी है ।
वो बड़ा खुश हुआ कि चलो मेरा नुकसान नहीं हुआ ।

हद तो तब हो गयी जब उसने एक दिन अपनी बिल्ली को यह कहते हुए सुना कि हमारा मालिक अब तो कुछ ही दिनों का मेहमान है तो उसे पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन बाद में अपने गधे को भी उसने वही बात दोहराते हुए सुना तो वो घबरा कर अपने गुरु के पास गया और उनसे बोला कि मेरे अंतिम क्षणों में करने योग्य कोई काम है तो बता दें क्योंकी मेरी मृत्यु निकट है ।

इस पर गुरु ने उसे डांटा और कहा कि मूर्ख मैंने पहले ही तुझसे कहा था कि अपने हित के लिए इस विद्या का उपयोग मत करना क्योंकि सिद्धियाँ न किसी की हुई है और न किसी की होंगी । इसलिए मैंने तुझसे कहा था कि अपने लाभ के लिए और
किसी के नुकसान के लिए इनका प्रयोग मत करो ।

Story Of The Day 19th, January 2016
January 19, 2016
Story Of The Day 22nd, January 2016
January 22, 2016

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