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Story Of The Day 1st, February 2016

मत करो किसी भी साधु की निंदा

मत करो किसी भी साधु की निंदा क्योंकि, आज के समय में इतना सहनन नहीं है, अनुकूल परिस्थी भी नहीं है, पर आज के समय में भी साधु सिर्फ और सिर्फ सफ़ेद कपडे में रहते हैं, एक ही वक्त आहार करते हैं, प्रतिक्रमण, सामायिक केशलोंच करते हैं । क्या हम ये सब करते हैं ? हम तो उनके चरणों की धुल के बराबर भी नहीं है । वे ये सब करके अपने दोषों का प्रायश्चित कर लेंगे अगर हम उनकी बुराई करेंगे तो हम तो इनमे से कुछ भी नहीं करते हम कहाँ जायेंगे कम से कम वो साधू बनकर हमारे समाज में हैं तो हमें अपना श्रावक धर्म करने का अवसर तो दे रहे हैं आज इस समय में साधू बनकर रहना कितना कठिन है । ये हम क्या जानें जब हम हैं ही नहीं साधू हमें उनकी निंदा नहीं करनी चाहिए वो जेसे हैं वेसे ठीक हैं हम पहले अपना श्रावक धर्म तो ठीक से कर लें उन पर ऊँगली उठाने से पहले अपने आप को सभी देख लें कि हम क्या कर रहें हैं । हमारा सोभाग्य है, ऐसे समय में भी हमें साधू के दर्शन मिल रहे है ।

Story Of The Day 1st, February 2016
February 1, 2016
Story Of The Day 1st, February 2016
February 1, 2016

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