ईश्वर नेँ हमेँ इस संसार रूपी यात्रा मेँ “रिटर्न रिजर्वेशन” के साथ भेजा है।
इसीलिए अपनी यात्रा आनन्दपूर्वक पूर्ण करें, जितना हो सके किसी के लिए अच्छा से अच्छा करे किसी की जिंदगी में गुलाब बनके खुशबु दे सके तो बहुत अच्छा
लेकिन कांटे बनके ना चुभे। किसी की जिंदगी में चिराग बनके रौशनी करे तो ठीक
पर किसी के जीवन में अँधेरा करने की कौशिश ना करे।
किसी की जिंदगी को हम हाथ पकड़ के आगे बढ़ा सके तो बहुत अच्छा मगर
किसी की टांग खींचकर उसको पीछे न ले जाये।
हमे वो ही मिलेगा आगे जिसे हम आज बो रहे हैं,
ब्याज दोनों तरफ से चल रहा हैं अच्छे का भी और बुरे का भी।