हमारे जीवन में हम जिसे महत्व देते है उनके लिए सब कुछ समर्पित
करने के लिए भी सदैव तत्पर होते हैं, लेकिन वो व्यक्ति हमें अगर अहमियत ना दे तो
हमारे दिल को ठेस लगनी स्वाभाविक है।
उसके कारण रिश्तो में भी कड़वाहट आ जाती हैं, एवं एक दूसरे को करने लगते है
और एक दूसरे को कैसे निचा दिखाये उस प्रयास में लग जाते है। जो व्यक्ति हमेशा कोई भी कार्य एक दूसरे के साथ मिलकर करता हो वो याद करना भी भूल जाए तो उसके कारण संबधो
में गिरावट चालू हो जाती है। उस समय हमें यह
सावधानी रखनी चाहिए की क्या हमारी भी कमी के कारण यह संबध में कमी तो नहीं हुई है, क्योकि ताली कभी भी एक हाथ से नहीं बजती कुछ हमारी भी गलती संभव है,
उन कमियो को दूर करके संबधो को पुनः नए सिरे से चालू करे और
इस छोटी सी जिंदगी का आनंद ले।
अगर हमें सभी के दिल में सदैव जिन्दा रहना हैं तो
सभी से संबंधो में मधुरता एवं अपनापन जरुरी है।