यूरोपियन एयरलाइन में एक जैन नौजवान फर्स्ट क्लास सेक्शन में सफ़र कर रहा था।
एयर होस्टेस उसके पास आई और उसने उस जैन नौजवान को फ्री ड्रिंक ऑफर किया,
लेकिन चूँकि वो एल्केहोल ड्रिंक था, तो उस जैनी नौजवान ने वह ड्रिंक लेने से मना कर दिया।
एयर होस्टेस लौट गयी लेकिन वो कुछ देर बाद वापस आई नया ड्रिंक लेकर कुछ
अलग अंदाज़ से, कि शायद वह ड्रिंक ज्यादा अच्छा नज़र आये।
लेकिन उस जैन नौजवान ने विनम्रता से मना कर
दिया और बोला की वो एल्कोहोल नही लेता।
एयर होस्टेस को बड़ा अजीब लगा और वो मेनेजर के पास गयी तो मेनेजर ने एक ड्रिंक
तैयार किया और उसे फूलों से सजा कर एयर होस्टेस ने उस जैनी
नौजवान के सामने पेश किया और बोली की हमारी सर्विस में आपको कोई
कमी लगती हैं, जिस वजह से आप ड्रिंक नही ले रहे ये एक फ्री ऑफर हैं।
नौजवान ने जवाब दिया कि मै जैन धर्म का
प्रेमी हूँ तो में एल्कोहोल को छूता भी नही पीना तो बहुत दूर की बात है।
मेनेजर ने इसे अपना प्रेस्टीज पॉइंट बना लिया और ड्रिंक लेने की जिद करने लगा
तब उस प्रेमी नौजवान ने कहा की तुम पहले पायलट को पिलाओ फिर में पियूँगा।
मेनेजर बोला- की पायलट कैसे पी सकता हैं?
वो ओन ड्यूटी है और अगर उसने पी लिया तो पूरे चांसेस हैं की प्लेन क्रेश हो जाएगा।
नौजवान जैन की आँखे नम हो गयी, वो बोला मैं भी तो हमेशा उस परमात्मा की ड्यूटी पर हूँ
और मेरी डयूटी है कि मुझे अपने धर्म के वचनो की पालना करनी है।
जैसे कि तुम्हारे पायलट को हर हाल में विमान बचाना है,
उसी तरह से मुझे भी हर हाल में मेरा ईमान बचाना हैं
ईमान बचाना है और ज़िन्दगी संवारनी है।