इस धर्मप्रेमी श्राविका ने दूसरे गर्भाधान के समय निर्णय किया कि मेरे एक पुत्र को साधु बनाऊँगी। बाद में इस माता ने अपने दोनों पुत्र शासन को समर्पित कर दिए।मुंबई की यह बहन दूसरे अनेक धर्म के प्रसंगों से हमें खूब प्रेरणा दे ऐसी है। यह धर्मात्मा शादी कर ससुराल गई। बाद में उसने कंदमूल खाने वाले चाचाजी आदि से कहा कि जूठी प्याली आप मटकी में मत डालो। अगर मेरी इतनी प्रार्थना नहीं मानोगे तो मैं इस घर का त्याग कर दूंगी ! संयुक्त परिवार में एक बार किसी ने मजाक में जुठी प्याली घड़े में डाली। दृढ़धर्मी यह श्राविका तुरंत घर के बाहर निकल गई । पुण्योदय से सरल पति ने अलग मकान लिया । पुत्रों से कहा था कि इस घर में टी.वी. आएगा तो गृह त्याग दूंगी। एक पुत्र टी.वी. लाया तो उसी वक्त घर से निकल गई। मम्मी की धर्मदृढ़ता देख सुपुत्र ने घर से टी.वी. निकाल दिया!
इस कलियुग में भी जिनशासन कितना जयवंत है कि ऐसी अनेक श्राविका सुंदर आराधना करती है और परिवार के पास भी करवाती है । आप भी खुद यथाशक्ति आराधना करें और संतान और स्वामीनाथ को धर्म में जोड़ें और संस्कार और सद्बुद्धि दे और सच्चा और अच्छा श्रावक बनाए यही शुभेच्छा।