Story Of The Day
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सिख
एक जौहरी के निधन के बाद उसका परिवार संकट में पड़ गया। खाने के भी लाले पड़ गए। एक दिन उसकी माँ ने अपने बेटे को नीलम का एक हार देकर कहा- बेटा इसे अपने चाचा की दुकान पर ले जाओ। कहना इसे बेचकर कुछ रुपये दे दें। बेटा वह हार लेकर चाचा जी के पास गया। चाचा ने हार…
यमराज से बात
एक दिन यमराज एक लड़के के पास आये और बोले- लड़के, आज तुम्हारा आखरी दिन है! लड़का : लेकिन मैं अभी तैयार नही हुँ यमराज : ठिक है लेकिन सूची मे तुम्हारा नाम पहला है। लड़का: ठिक है, फिर क्युं ना हम जाने से पहले साथ मे बैठ कर चाय पी ले? यमराज : सही है! लड़के ने चाय मे…
चिंतन के कण
हिंसा, जूठ, चोरी, अब्रह्मचर्य और परिग्रह ये पांच बड़े पाप है। 1. मोह नामक पारधी शिकारी मन रूपी जाल द्वारा आत्मा रूपी हिरण को पकडता हैं जो मुनि यह मोह की चुंगाल मे फंसता नही, उसे कोई तकलीफ नहीँ होती 2. जब भी हमारा मन दूसरे जीवों के दोष या गुण मे ओतप्रोत बनने लगे, तब ज्ञान और ध्यान के…
श्री योगीराज फरमाते हैं
जिस तरह गिला वस्त्र हवा या धूप में रखने से अन्दर का पानी उड़ जाता है। उसी तरह महापुरुषों के पास रहने से कर्म रुपी पानी उड़ जाता है। आकुलता करने से काम बनता नहीं है बल्कि आकुलता ही बढ़ती है, अतः सदा निराकुल रहों। यदि आप खुश रहेंगे, तो आपके साथी अपने आप खुश रहेंगे और दुखी तो दुखी।…
इस मनुष्य जीवन का प्रत्येक गुज़रता क्षण बेहद कीमती है
इस मनुष्य जीवन का प्रत्येक गुज़रता क्षण बेहद कीमती है। कुछ नहीं तो कम से कम “समता” भाव धरने का प्रयत्न करें, जाने-अनजाने में मुझसे हुई को सुधर कर पढ़ें और किसी भी भूल-चूक के लिए मुझे क्षमा करें, अज्ञानवश अगर “जिनवाणी” कि अविनय हुई हो तो उसके लिए क्षमा मांगते हैं। जा वाणी के ज्ञान तैं, सूझे लोकालोक। सो…