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संबंध जन्म जन्म का – भाग 1

सुरसुन्दरी एवं अमरकुमार , दोनों के लिये यह पहली पहली समुद्र की सैर थी। संस्कृत-प्राकुत काव्यों में उन्होंने समुद्र की दिलधड़क बातें पढ़ी थी। धर्मग्रन्थों में भी संसार को सागर की दी गयी उपमा से वे परिचित थे । ‘संसार एक अंनत-असीम सागर है,’ ऐसे शब्द भी उन्होंने जैनाचार्यो के मुँह से सुन रखे थे । ‘सागर के खारे पानी…

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