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जहाँ अर्पण होता है समर्पण होता है सारी टीकाओ का तर्पण होता है वही दाम्पत्य होता है

दाम्पत्य जीवन वह प्रेम की अखण्ड आराधना है स्नेह की साधना है। दाम्पत्य जीवन वह प्रेम और वफादारी की धरी है तो दाम्पत्य जीवन वह स्नेह की तरी है।

दाम्पत्य वह निभाने का नभाने का खेल है। दाम्पत्य कभी सहनशीलता तो कभी चारित्रशिलता का मेल है। दाम्पत्य मे कही आकर्षण है तो कही मिटा घर्षण भी है। दाम्पत्य वह मोतिया निकाली हुई आँख से पति के लिए बनाई हुई रसोई भी है। दाम्पत्य वह टूटी हुई कमर से पति के हाथ मे से सब्जी की थैली लेने की उतावल भी है। दाम्पत्य वो स्वयं की प्रिय पात्र मे शोध करना है तो खुद के अन्दर प्रिय पात्र को जगाना है।

दाम्पत्य वो प्रेम है रहेम है। सुखी जीवन नेम है। दाम्पत्य वो दो जानो का एक प्रवास है। दो व्यक्ति के एक जीवन की कथा है। दाम्पत्य की मधुरता दो मे से एक होने मे है। दाम्पत्य वो एक दुसरे को जमते और नमते रहने का नाह है। दाम्पत्य वो एक दुसरे की कदर करने का नाम है जो दाम्पत्य को निभाना आए। तो घर की चार दीवारो के बीच मे चारोधाम है। हमारे साथीदार का दुःख अगर हमारी हैरानगति नही बने तो दाम्पत्य वो दम बिना का है।

दाम्पत्य जीवन का सच्चा प्रवास है तो दाम्पत्य जिंदगी की श्वासोश्वासै। दाम्पत्य है तो संसार मे दुःख भी सुख है। दाम्पत्य है तो संसार मे इमली जैसे खट्टे जीवन को मीठे बोर मे कन्वर्ट करदे उसी का नाम है दाम्पत्य है। दरिया के खारे पानी जैसी जिंदगी को गंगोत्री से निकलती गंगा के पानी जैसी करे उसी का नाम दाम्पत्य है। दाम्पत्य वो पत्नी का मीठा सा नखरा भी है तो उसके नखरे पर पति का मीठासा ठपका भी है। दाम्पत्य वो साडी के पल्ले से पुछाता पति का पसीना भी है। खुद के हाथ रूमाल से पत्नी की पसीने से भरी पीठ को पुछता हाथ भी है। दाम्पत्य पत्नी का मंगलसूत्र भी है तो पति का प्रेम सूत्र भी है। दाम्पत्य बिना संसार बेसार है। दाम्पत्य दो श्वासो का एक प्रवास है। दाम्पत्य दो जिंदगी का एक श्वास है।

साथी पात्र वो हमारे जीवन का एक भाग है। हमारी साथी पात्र वो हमारे जीवन का एक भाग है। हम जिस तरह हमारे दिल की, हमारे प्राणो की और हमारे जीवन की कदर करते है उसी तरह अगर हम दोनो पात्र एक दुसरे का ध्यान रखने लगे तो इस संसार के रण मे भी हम सुखी हो कर रह सकते है। दाम्पत्य वो किचन मे से आती मीठी आवाज है तो झूले पर से होती चाय की डिमांड है। अगर इस तरह डिमांड को आपने स्नेह से देखा तो दाम्पत्य प्रेम की सुवास फैलायेगा। और इसे गलती से भी आडर की तरह देखेंगे तो दाम्पत्य खत्म हो जाएगा।

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