आज की युवा पीढ़ी किस दिशा मे जा रही है? आज के युवाओं ने प्रेम शब्द का बड़ा ही खराब अर्थ करा है। आज की युवा पीढ़ी देह आकर्षण को प्रेम समझती है। और हाथ से शुरू होने वाली स्टोरी सहशयन तक जाती है और I Hate you मे बदल जाती है ।
प्रेम शब्द बडा ही विचित्र शब्द है। इसमे हर जगह त्याग नजर आता है । समर्पण नजर आता है।
वासना की प्रपटी पर खडा प्रेम जीवन को बर्बादी की ओर अग्रसर करता है । हमारी सभ्यता को छोड़कर western विकृति की ओर आगे बढ रहे जिसके परिणाम हमारे परिवार मे हमारी संस्कृति मे हमारे घरानो मे आफिस मे स्कूल मे कालेज मे देखने को मिल रहे है।
मै ऐसा नही कहता हूँ कि प्यार करना गलत है। परन्तु प्यार की शोभा वो मर्यादा मे है।
” अरे व्याभिचार मे हम रावण से भी आगे जा रहे है।
रावण मे अहंकार था तो पश्चाताप भी था
रावन मे वासना थी तो संयम भी था
सीता को अपहरण करने की ताकत थी तो बिना सहमति के परस्त्री को स्पर्श करने का संकल्प भी था।
सीता जीवीत मिली वो राम की जीत थी पर
सीता पवित्र मिली वो रावण की मर्यादा थी।”
आज की नवरात्रि के अंदर माताजी की भक्ति का लक्ष्य होता है या हमारी वासनाओ की पुष्टि का लक्ष्य होता है? अरे आज हमने 31st Dec. की पार्टीयो ने तो हमारी संस्कृति को हशिये पर लाकर के रख दिया है ।
आज कल आपके कालेज के खेल के मैदान प्रणय के गार्डन मे तब्दील हो गये है। आज के नो जवान इस प्रणय गार्डन मे अपनी जाति, कुल को तो भूलते है। पर इससे भी आगे जाकर के वह अपनी मर्यादा को भी भूल जाते है।
हम पश्चात्य देशो का अनुकरण करने जाते है। वहाँ के वातावरण मे एक लड़का या लड़की 4-5 बार भी शादी कर लेते है।
शायद वहाँ की सभ्यता विवाह को करार मानती होगी। पर मेरे देश मे विवाह वो करार नही संस्कार है।
वेस्टर्न मे वहा की महारानी से कोई भी हाथ नही मिला सकता है। क्योंकि क्विन है ।
मेरे देश की हर लडकी मे लक्ष्मी का अवतार नजर आता है। इसलिए मेरे देश मे हर बेटी क्विन है। और उसे मर्यादा मे रखा जाता है।
आज के क्लचर के हिसाब से फ्रेन्क होना आपके लिए आवश्यक हो पर उसमे भी ज्यादा जरूरी है फ्रेन्कनस के साथ साथ हमे खुद को हमारे लिए मर्यादा का निर्माण करना ज्यादा जरूरी है।
आज का देह आकर्षण भविष्य के जीवन को बरबाद कर सकताहै ।