” आँसुओ को गिराना है तो किसी के जख्म पर गिराओ
शोभा उन ओस की बूंद को है जो फुलो पर बरसाती है”
एक 30 साल की युवा स्त्री सजधज कर महंगे कपडे पहनकर बेटे को दिखाने क्लिनिक गयी थी। वहाँ पर भी वह पूरा मेकअप और लिपस्टिक लगाना नही भूली थी।
उसने लटक मटक के साथ बात करना शुरू किया। Sir यह मेरा बेटा पिन्टू है। इसे थोड़ा सर्दी जैसा हो गया है। मै बहुत ज्यादा अपसेट हूँ। इसका चेहरा देखकर ही मै तो ढीली पड़ जाती हूँ। मुझे ladies club की मीटिंग में भी जाने का मन नही करता है। प्लीज इसे जल्दी से ठीक कर दो।
डॉ. ने पिन्टू को चेक किया और प्रेम से बाते की तो बच्चे का चेहरा खिल उठा। डॉ. को समझ आ गया था की उसे कुछ नही हुआ है। मामूली सा इन्फेक्शन है पर इसे माता के प्यार की वात्सल्य की जरुरत है। पर माता के पास सजने सवरने और क्लबो में होती है किटी पार्टी से फुरसत ही नही मिलती है। उन्होंने माँ से कहाँ की जब तक पिन्टू अच्छा नही हो जाता तब तक आप इसके पास रहियेगा।
माँ ने जवाब दिया की मैंने इसके लिए एक आया रख ली है। वह मेरे पिन्टू का पूरा ध्यान रखती है।
फिर डॉ. ने fees मांगी तो उसमें भी झिक झिक करने लगी। 200 रुपये की जगह 150 रुपये रख कर चल दी। नीचे जाकर गाड़ी में बैठी और पिन्टू को आगे बैठाया। पिछे अपने कुत्ते को बिसकित खिलाने लगी। यह दृश्य देखकर डॉ. को लगा की आज पूरा दिन बिगाड़ गई है। मुझे 200 देने में कम थे और कुत्ते को ब्रांडेड बिसकित खिलाती है।
उसके बाद 40 पेशेंस को देखा। एक गरीब माँ
अपने बच्चे को लेकर आयी। उसकी गरीबी को देखकर डॉ. भी हत प्रत हो गए।
डॉक्टर ने बच्चे को देखा और अपने पास से ही दवा दे दी। माँ ने जाते-जाते पूछा की डॉ. साहिब कितने हुए?? डॉ. ने 200रूपए बोले तो उसने 150 रूपए दिए और कहाँ अभी इतने है , शाम को मेरा आदमी आपको 50 रूपए और दे जायेगा। मैंने पूछा की वो क्या करता है?? साहिब वो साइकल रिक्शा चलाता है। अभी नीचे खड़ा है।
डॉ. ने वह150 रूपए भी उसे दे दिए और कहाँ इसके बेटे को दूध और फ्रूट्स खिलाना ताकि यह जल्दी ठीक हो जाये। आप ये पैसे रख लो। उस माँ की आँखो में आंसू थे।
तो डॉक्टर को लग रहा था कि यह आज का मेरा दिन सुधार कर चली गयी है। आज कुछ अच्छा हुआ है। उसकी शांति अनुभव कर रहा था।।