Archivers

बच्चों को डराये नही दोस्त बनाएं

बच्चे अधिकतर सेंसेटिव होते है,आजकल हर प्रतियोगिता मे अव्वल आने का जूनून हर किसी मे रहता है। हर बच्चा चाहता है कि वो क्लास मे अव्वल आये, पर कभी- कभी कोई दुसरा बच्चा उससे अधिक अंक लाता है तो ऐसी स्थिति मे हम बच्चे को डांटे ये गलत होता है, किसी भी स्थिति मे डाँटना या बच्चे से बहस करना उसके भविष्य के लिये घातक होता है। हम खुद बच्चों के भविष्य हेतु प्रेरणा दे सकते है।

आइये आज आपको मै समझाता हूँ की बच्चों को हम और परिवार के सदस्य कैसे प्रेरणा देकर आगे बढ़ा सकते है-

कुछ प्रेरणादायक बातें जो आप बच्चों से कहकर उसको डर और मानसिक चिंता से दूर कीजिये ।

1. मेरे साथ अपनी बाते शेयर करो-

बच्चे से कहे की मेरे साथ अपनी समस्या शेयर करे। आप कभी -कभी उससे दोस्त बनकर मस्ती का व्यवहार भी करे, उससे उसकी समस्या,पढ़ाई और स्कूल मे कोई समस्या आ रही हो तो चर्चा करे ।

2. अच्छे दोस्तों की संगत करे

आप ये जरूर पता करे की आपके बच्चे के दोस्त कौन है, वो किसके साथ जाता है, कहाँ जाता है, कब जाता है, यदि आपको लगता है कि वो किसी गलत दोस्त के साथ गलत रास्ते पर जा रहा तो उससे चर्चा कर ये बताएं की खराब दोस्ती आपके करियर को खराब कर सकती हैं। यदि बच्चा नही समझे तो उसे कोई उदाहरण बताये की एक समझदार बच्चा गलत राह पर गलत दोस्तों की संगत मे बिगड़ गया ।

3.गलतियों पर चिल्लाएं नही

अक्सर हम बच्चों को गलतियों पर चिल्लाते है, बच्चे को समझाएं की गलती होना मानवीय स्वभाव होता है, हर भूल और गलती से प्रेरणा ले। उसे बताये की यदि वो क्लास मे अव्वल नही आया तो कोई बात नही, कभी -कभी कोई हमसे आगे भी हो सकता है, लेकिन गलती या भूल से सीख कर आगे बढ़ना ठीक होता है । उसे प्रेरित करे ।

4. मन के भय को दूर कीजिये

कभी- कभी बच्चों के मन मे एक भय सा बस जाता है, उसके मन से जो डर या भय हो उसे आप ही हटा सकते हो, उसके भय को, उसकी चिंता को हटाने हेतु उसे बताएं की तुम एक राजा हो और चिंता राक्षस है, और राजा राक्षस को खत्म कर देता है। तुम सबसे अव्वल हो, समस्याएं और चिंता आपके सामने कमजोर है, और एक पल मे भाग जायगी तुम मजबूत हो।

5. समस्या कुछ नही होती है

जब बच्चा किसी समस्या से ग्रस्त हो, तो उसके पास बैठकर बताएं की ये समस्या गम्भीर नही है, तुम बहादुर हो, उसे बताये की- मै बचपन मे तुमसे कमजोर होकर भी हर समस्या को सुलझा लेता था, लेकिन तुम तो मुझसे भी बहादुर हो ।

6. अच्छे कार्य पर बधाई दीजिये

बच्चा जब भी शाला या किसी कार्यक्रम मे अव्वल आएं तो उसे बधाई दे, और उसे आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करे।

आज के बच्चे और 25 वर्ष पुराने बच्चों मे अंतर हो गया है, आजकल इलेक्ट्रानिक युग आ गया है, मोबाइल से लेकर लेपटाप युग आ गया। समय समय पर देखते रहे की बच्चा क्या गेम खेल रहा है, क्या वीडियो देख रहा है, किससे बात करता है, यु ट्यूब पर क्या देख रहा है। ख़ास बात ये देखो की वो फोन लॉक करके तो नही रखता।

आप ही उसकी प्रेरणा हो ,यदि आप कमजोर हो जाओगे तो बच्चा टूट जायगा । उसके सामने कभी जिंदगी मे ये नही हो सकता, ये सम्भव नही है, इसे तुम नही कर सकते, ये कठिन है, अभी तुम्हारी उम्र नही हुई इस प्रकार की बातें बच्चों को कमजोर करती है । समय बदल गया हैं, आजकल के 3 साल के बच्चे आपके मोबाइल को आपसे बेहतर चला लेते है । वो खुद भी चाहता है की उसकी आजादी मे कोई दखल नही दे ।।

किसी का सहारा बनो
December 5, 2016
शरीर रूपी अग्निकुंड
December 6, 2016

Comments are closed.

Archivers