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Story Of The Day 3rd, March 2016

बेटी

बेटी को चांद जैसा मत बनाओ कि हर कोई घूर-घूर कर देखे
किंतु , बेटी को सूरज जैसा बनाओ ताकि घूरने से पहले सब की नजर झुक जाये।
हम लोग बेटियों के लिये हर तरह अधिक चिंता किया करते हैं,
लेकिन, आज के इस युग में एक बेटी दस बेटों के तुल्य है।

“जो मम्मी, पापा को स्वर्ग ले जाये वह बेटा होता है”

किंतु, “जो स्वर्ग को घर में ले आये, वह बेटी होती है।”

एक पिता ने अपनी बेटी से पूछा :
तुम किसे जादा चाहती हो मुझे या अपने पतिदेव को?

बेटी ने उत्तर दिया :
मुझे सचमुच पता नहीं,
लेकिन जब मैं आपको देखती हूं तो उन्हें भूल जाती हूं,
लेकिन जब मैं उन्हें देखती हूं तब आपको याद करती हूं।

आप कभी भी अपनी बेटी को बेटा कह सकते हो लेकिन,
आप कभी अपने बेटे को बेटी नहीं कह सकते

यही कारण है कि बेटियां आम नहीं, खास होती हैं।

बेटी की मोहब्बत को कभी आजमाना नहीं,
वह फूल है, उसे कभी रुलाना नहीं।

पिता का तो गुमान होती है बेटी,
जिन्दा होने की पहचान होती है बेटी।

उसकी आंखें कभी नम न होने देना,
उसकी जिन्दगी से कभी खुशियां कम न होने देना।

उन्गली पकड़ कर कल जिसको चलाया था तुमने,
फ़िर उसको ही डोली में बिठाया था तुमने।

बहुत छोटा सा सफ़र होता है बेटी के साथ,
बहुत कम वक्त के लिये वह होती हमारे पास।

असीम दुलार पाने की हकदार है बेटी,
समझो ईश्वर का आशीर्वाद है बेटी।

Story Of The Day 3rd, March 2016
March 3, 2016
Story Of The Day 3rd, March 2016
March 3, 2016

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