किल्ला सुरक्षा देता है
जिस राज्य को जिस नगर को अगर किला ( fort ) न हो तो शत्रु को प्रवेश करने से
नहीं रोक सकते हो । किल्ला सुरक्षा देता है ।
इसी तरह, प्रतिज्ञा अपने आत्मा के लिए सुरक्षा चक्र है ।
आप को क्या लगता है, नियम लेने वाला बंधन में आ जता है या उसे मुक्ति मिल जाती है ?
जैसे की व्यसन न करने का नियम, व्यसन से मुक्ति दिलाता है ।
आप की मानसिकता क्या है ? प्रतिज्ञा बंधन है की मुक्ति है ?
जिन के बिना मुझे नहीं चलता है उनका मैं गुलाम हूँ,
जैसे चाय, गुठका वगैरह, यह बात तय है ।
प्रतिज्ञा नियम, यह मुक्ति है ।
2 प्रकार के नियम:
अच्छा करने का नियम,
गलत को छोड़ने का नियम ।
हम लगभग किस तरह का नियम अक्सर लेते है ?
अच्छा करने का नहीं, पर गलत !
भगवान आपकी आज्ञा के पालन में कष्ट का अनुभव तब होता है,
जब कोई चीज के लिए आप ने ना बोला है ।
जैसे की 4 महाव्रत:
हिंसा नहीं
जूठ नहीं
अब्रह्म नहीं
चोरी नहीं
आप देखें सब ‘नहीं’ करने के लिए बोला है ।
जिस दिन भगवान की निषेध आज्ञा मन को भा जायेगी तभी आप कर पाओगे ।
सारा मार्गे पैसा वापरवा सरळ छे,
साचा मार्गे पैसा कमावानु कठिन छे…
अर्थ पुरुषार्थ : अगर निति से हो तो ही ।
काम पुरुषार्थ: सदाचार से नियंत्रित हो तो ही वो काम पुरुषार्थ ।
1. जितना आप का भागीदारी होगा उतना ही परिणाम मिलेगा:
कोई भी चीज का परिणाम, दो व्यक्ति को, अलग-अलग क्यों मिलता है ?
जितना आपका भागीदारी होगा उतना ही परिणाम मिलेगा ये तो तय है ।
48 मिनिट का एक सामायिक, आप कुछ नहीं तो सिर्फ 48 मिनिट क्रोध ना करने का भी प्रयोग कर सकते हो ।
रिजल्ट भागीदारी के जैसा ही मिलेगा ।
3 ways of involvement:
1. आप करो यह भागीदारी
2. दूसरे को कराओ वो भी भागीदारी
3. और कोई कर रहा हो उसकी जी भर के प्रशंसा करो यह भी भागीदारी
एक धर्मक्रिया ऐसी करो की समय का भान भूल जाओ, दुनिया भूल जाओ, पागल बन जाओ,
ऐसा आपका भागीदारी हो।
कर्मसत्ता ना कभी किसी को सजा देती है, ना कभी इनाम देती है,
वो सिर्फ परिणाम देती है ।
– ठीक क्रिकेट के अंपायर की तरह…।
धर्म के क्षेत्र में परिणाम उतना ही मिलेगा जितना आप का निवेश होगा।
2. रिटर्न उतना ही मिलेगा जितना निवेश होगा ।
धर्म के क्षेत्र में हम लोग किस का निवेश करते है:
समय का निवेश
शब्द का निवेश
शरीर का निवेश
संपत्ति का दान..
जैसा आप का इन्वेस्टमेंट होगा, रिटर्न उतना ही मिलेगा।
3. इनाम उतना ही मिलेगा जितना इनाम आप का होगा:
धर्म के क्षेत्र में आप का intrest कितना?
क्यों नहीं जमता है? क्या कारण है?
देव गुरु धर्म पर हमारी श्रद्धा है पर देव गुरु धर्म की ताकात पे अपनी श्रद्धा कम है…।
ब्याज जबरदस्त रखो – इनाम के लिए ।
निवेश जबरदस्त रखो – रिटर्न के लिए ।
भागीदारी जबरदस्त रखो – परिणाम के लिए ।