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चोर का पीछा – भाग 6
करीब पचास सीढियाँ उतरा की एक बड़े कमरे में वह आकर खड़ा रहा । कमरे को चौतरफ से देखा … तो पूर्व दिशा में गुप्त द्वार सा कुछ लगा । उसने धक्का मारा , दरवाजा खुल गया , भीतर में प्रवेश किया तो सामने ही ऊपर चढ़ने के लिये सीढियाँ थी । वह कुछ देर रुका रहा । ऊपर से…
चोर का पीछा – भाग 5
विमलयश तस्कर पर बराबर निगाह जमाये एक कौने में खड़ा है । तस्कर न तो विमलयश को देख रहा है … नही कुछ ज्यादा सोच भी रहा है । वह सोचता है : शायद परदेशी कुमार मेरे से डरकर महल को छोड़कर बेचारा कहीं भग गया लगता है …। खैर, यदि मिला होता तो यमलोक में भिजवा देता… पर अब…
चोर का पीछा – भाग 4
इधर छुपे भेष में बेनातट नगर में प्रविष्ट हुआ चोर यह जान पाया कि उसे पकड़ने के लिये और राजकुमारी को वापस लाने के लिये विमलयश ने ही घोषणा की है। चोर ने अट्टहास्य किया…. वह विमलयश के महल के निकट आया । महल के इर्दगिर्द घूमकर उसने कोई जान न पाये इस ढंग से बारीकी से अवलोकन कर लिया…
चोर का पीछा – भाग 3
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चोर का पीछा – भाग 2
‘नहीं , यह कभी नहीं हो सकता ।’ राजकुमारी तपाक से खड़ी हो गई । उसकी आंखों का भय चला गया । आंखों में शोले भड़कने लगे । उसके होंठ कांपने लगे । न जाने कहां से उसमे अध्ष्य ताकत उभरने लगी । ‘तो तू यहां से बाहर नहीं जा सकेगी । सूरज की किरण भी तुझे छू नहीं पायेगी…