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चोर ने मचाया शोर– भाग 8
रात के प्रथम प्रहार में उधर से एक ग्वालिन निकली सर पर दही की मटकी उठाये हुए । महामन्त्री ने ग्वालिन को बुला कर पूछा : ‘क्या है तेरी मटकी में ?’ ग्वालिन ने चुप चाप मटकी दिखायी….. । महामन्त्री ने देखा तो अंदर शराब भारी थी…. महामंत्री की जीभ लपलपा गयी। उन्होंने पैसे देकर मटकी ले ली। खुद महामंत्री…
चोर ने मचाया शोर– भाग 7
इधर भीमा की पत्नी आई महाराज को दर्शनार्थ। उसने भी महाराज को भोजन के लिए आमंत्रण दिया । बाबा ने कहा : ‘तेरे घर मे तो पैर रखना पाप है….।’ ‘क्यो बाबाजी, ऐसी बुरी बात क्यो करते हो ?’ ‘और नही तो क्या तेरा पति खुद्द उसकी माँ के साथ… विश्वास नही हो तो रूबरू देख लेना,’ सुनकर भीमा की…
चोर ने मचाया शोर– भाग 6
विमलयश का हंसी के मारे बुरा हाल था। जबरजस्ती अपने आप पर काबू पाते हुए उसने कहा : ‘मालती, नगर में इतना हंगामा मचा हुआ है और मुझे तो कुछ मालूम ही नही है ।’ कहा से मालूम होगा ? तुमने तो सात दिन से बाहर ही कदम कहा रखा है जो । तुम तो बस दिन रात वीणा के…
चोर ने मचाया शोर– भाग 5
चोर को मालूम पड़ गया कि ‘उसे पकड़ने का बेड़ा किसने उठाया है ?’ उसने एक व्यापारी का भेष बनाया । सुंदर कीमती कपड़े पहने… और कामपताका के घर पर पहुँचा। वेश्या तो पैसे वाले इस नये मुर्गे को देखकर खुश हो उठी । उसने बड़े प्रेम से उसका आदर किया उसे बिठाया । पान सुपारी दी ‘ चोर ने…
चोर ने मचाया शोर– भाग 4
आगे चोर को पकड़ने का इरादा जाहिर किया, धन सार सेठ और लल्लू नाई ने ! उस चोर ने मालूम कर लिया कि धनसार सेठ और लल्लू नाई इसे पकड़ने निकले है ! वह भेष बदल दोपहर में पहुँच गया हजामत करवाने के लिए लल्लू नाई के घर पर ! लल्लू ने बढ़िया हजामत बनायी और हजामत के पैसे मांगे…