विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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नारी तू नारायणी तूझे शत् शत् प्रणाम
1911 से भले ही विश्व महिला दिवस मनाते आये हो मगर आर्य संस्कृति तो युगो से श्रवण वदि अमावस्या को अमृत दिवस के रूप मे मानता आया है । स्त्री के जीवन मे वो अनेक रूपो को धारण करती है। और हर रूप से इस समाज पर उपकारो की वर्षा करती है। अरे घर के अंदर आधी रोटी हो और…
युवाओं का गैर जिम्मेदार लव
आज की युवा पीढ़ी किस दिशा मे जा रही है? आज के युवाओं ने प्रेम शब्द का बड़ा ही खराब अर्थ करा है। आज की युवा पीढ़ी देह आकर्षण को प्रेम समझती है। और हाथ से शुरू होने वाली स्टोरी सहशयन तक जाती है और I Hate you मे बदल जाती है । प्रेम शब्द बडा ही विचित्र शब्द है।…
चालाकी इन्सान को बरबाद करती है चतुराई इन्सान को आबाद करती है
हर इंसान स्वभाव से चालाक होता है। दिमाग मे चलते विचारो की मशीन मे चालाकी का प्रोडकशन करता रहता है। फिर मन मे ही कोई न कोई खेल खेलता रहता है और फिर लगातार उस खेल मे खेलता रहता है। और फिर कभी चालाकी मे जीतता है तो कभी हारता है। वह जितता है तो खुद को बुद्धिशाली समझता है…
प्रेम और रिश्तो मे रिक्स फैक्टर
रिश्ते, नाते, संबंध, दोस्ती और प्रेम यह तो शेयर मार्केट की तरह होते है। यह कभी स्थिर नही होते है। इसमे कभी Up’s तो कभी Down’s होता रहता है। और इस up nd Down’s मे कभी स्थिरता नही होती। पर यह लगातार चलता है। इसमे कोई धोका देता है झगडा करता है तब हमे ऐसा लगता है कि इसमे कुछ…
प्रभु दृष्टि की बक्षीस दो ताकि सृष्टि बदल जाएगी
आज तो भरत चक्रवर्ती याद आते है। वह जब प्रभु आदिदेव से पुछते है- भावि मे तिर्थंकर होने वाला हो, ऐसा कोई आत्मा वर्तमान मे विधमान है? प्रभु जवाब देते है- हे भरत महाराजा! विधमान है । मरीचि की आत्मा इसी 24 मे अंतिम तिर्थंकर होगी। प्रभु का जवाब सुनकर के भरत महाराजा पुहुँचे मरीचि के पास, आदिदेव परमात्मा के…