विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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ईलाची पुत्र का पूर्व जन्म
यह उस ईलाची पुत्र की कथा है जिन्हें बाँस पर नाचते नाचते केवलज्ञान हो गया।९९ करोड़ सोनामुहरो का वैभव उनके मन कुर्बान था परन्तु एक तुच्छ कुल में उत्पन्न हुई नटकन्या अजिबोगरीब थी। इस कन्या को पाने के लिये ९९करोड़ तो क्या खुद की जान भी न्योछावर करने को वह तैयार था। इलाचीपुत्र की ऐसी रागांधता ने उसके माँ- बाप…
धन्नाजी के वादिलबंधुओ का पूर्व जन्म
धन्यकुमार को खुद से बड़े तीन भाई थे । वे सब धन्नाजी के प्रति ईर्ष्या धारण करते थे । दुर्भागी थे । खुद धन प्राप्त नही कर सकते थे और धन्यकुमार धन प्राप्त करे वह सहन भी नही होता था , फिर भी उसके धन में हक़ भी रखना था । उदार धन्यकुमार ने तीन तीन बार अपनी सब संपत्ति…
धन्नाजी का पूर्वजन्म
प्रतिष्ठानपुर में एक दासी रहती थी । दुर्भाग्य के प्रबल उदय से उसका समस्त परिवार नाश पा गया । सास,ससुर,पति,जेठ,देवर, ननंद कोई भी बचा नहीं। एक मात्र छोटा पुत्र जीवित रहा। हम उसके पुत्र। को विनय के नाम से पहचानेंगे । विनय तो बहुत छोटा था इसलिये उसकी वृद्ध उम्र की मां ही लालन – पालन की पूरी जिम्मेदारी अदा…
धन्नाजी की 8 पत्नियों का पूर्वजन्म
धन्नाजी यानि ही धन्यकुमार । ये धन्नाजी राजगृही के निवासी थे , शालीभद्र के बहनोई थे , धनसार के पुत्र थे , राजा श्रोणिक के जमाई थे तथा मगध के मंत्री भी थे । उन्हें आठ पत्नीयां थी । सभी उनके सामने हाथ जोड़कर कड़ी रहे वैसी थी । पिछले जन्म में धन्नाजी की आत्मा ने जब मुनिराज को खीर…
महासती अंजनसुन्दरी का पूर्वजन्म
अंजनसुन्दरी ऐसी महासती थी जिसके अस्तित्व के साथ अन्याय हो जाने के कारण पति पवनजय ने अग्निस्नान क्र दिया । खुद के सतीत्व की रक्षा के लिए आग में आत्महत्या करने वाली सतियां तो बहुत हो चुकी है परंतु जिनके सतीत्व के लिए पति ने आग में आत्महत्या की हो ऐसी सती एक मात्र अंजनसुन्दरी है । लग्न के पल…