दिन की कहानी
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शक्ति पर असर
अपना प्रत्येक कार्य अपने जीवन की शक्ति पर असर करता है । दुष्कर्म करने वाला या पाप करने वाला पलभर भोगविलास करते दिख सकता है, परंतु वह कितना निर्बल बना, उसका कुछ ख्याल आता है ? एक सत्कार्य तुम्हारे दूसरे सत्कार्य का सपोर्टर बनकर तुम्हारी दृढ़ता में बल प्रदान करता है और एक दूसरा ऋतु में खींचकर, निर्बल बना कर…
तत्व दर्शन
सर्व दोष रहित और सर्वगुण सहित ऐसे शुद्ध आत्मतत्व को पाने का साधन दोष की ग्रह और गुण की अनुमोदना है । जब तक दोस्ती अंश मात्र भी अनुमोदना है और गुण की अंश मात्र भी ग्रहा है तब तक शुद्ध आत्म स्वरूप की रुचि , श्रद्धा या परिणति हुई है , ऐसा नहीं कह सकते हैं । वितराग ही…
जैनधर्मरागी अजेन
वीरमगांव के पास लगभग 14 किलोमीटर दूरी पर ट्रेन्ट नाम का गांव है। वहां लालूभाई रहते हैं। बीड़ी का भारी व्यसन, जात के राजपूत। एक बार बीड़ी पी रहे थे तब परम पूज्य महायशसागर म. साहब ने उसे बिडीत्याग का उपदेश दिया। यह आत्महित की बात उसे अच्छी लगी और उसने स्वीकार कर ली।फिर कभी कभी म.सा. के दर्शन करने…
शासनरागी सुश्रावक
२३ साल पहले की घटना है। सुश्रावक रतिभाई जीवनलाल के शासनराग की खूब अनुमोदना करता हूं। वढ़वाण में मेरा चातुर्मास था। एक दिन सुबह उजाला होने के बाद में पडिलेहण कर रहा था। वढवाण का उपाश्रय अंधियारा था। अंदर अंधेरो होने के कारण प्रकाश के लिए पडिलेहण उपाश्रय के द्वार के पास सीडियो पर करता था। इतनेमें वे वंदन करने…
काम में रेडी-कीर्ति से दूर
राधनपुर धर्मपुरी है।उसने कई सूसाधु और सुश्रावकों की जिनशासन को भेट दी है। वहां करमशीभाई नाम के धर्मरागी सुश्रावक थे।पाटण के श्रेष्ठी नगीनदास करमचंद ने बड़ी शान से बड़ा संघ निकाला था। उसकी सभी व्यवस्था संघपति ने करमशीभाई को सौंपी थी। खूब सुंदर व्यवस्था से संघपति की कीर्ति बहुत बडी। नागिनभाई ने उनका बहूमान करने की कोशिश अनेक बार की।…