दिन की कहानी
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सनकी राजा की कहानी
यह पुराने समय की सनकी राजा की कहानी है। राजा के उसके जुल्म करने की भी कोई सीमा नहीं थी। अगर उसे किसी आदमी पर गुस्सा आ जाता तो उसे बड़ी अमानवीय सज़ा दिया कर था जैसे की किसी को रात भर बर्फ केपानी के अंदर खड़े रहने की सजा। एक दिन उसे अपने महामंत्री अरुणेश पर गुस्सा आ गया…
अनजाने कर्म का फल
एक राजा ब्राह्मणों को लंगर में महल के आँगन में भोजन करा रहा था। राजा का रसोईया खुले आँगन में भोजन पका रहा था। उसी समय एक चील अपने पंजे में एक जिंदा साँप को लेकर राजा के महल के उपर से गुजरी। तब पँजों में दबे साँप ने अपनी आत्म-रक्षा में चील से बचने के लिए अपने फन से…
भाग्यवान! उनका भाग्य जागा नहीं
एक सेठ जी थे- जिनके पास काफी दौलत थी, सेठ जी ने अपनी बेटी की शादी एक बड़े घर में की थी। परन्तु बेटी के भाग्य में सुख न होने के कारण उसका पति जुआरी, शराबी निकल गया जिससे सब धन समाप्त हो गया। बेटी की यह हालत देखकर सेठानी जी रोज सेठ जी से कहती कि आप दुनिया की…
महावीर तेरे शासन में हम गुन्हेगार है
महावीर तेरे शासन में हम शर्मिंदा है, शासन के गुन्हेगार है। आप ने जैन शासन की स्थापना कर हम पर बहुत उपकार किया। हमे वैर को अवैर से मिटाने का बोध दिया। विश्व मै जीव मात्र पर दया करना, संसार के सभी जीव (मानव,पशु,पक्षी,सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव) मात्र से मैत्री, जियो और जीने दो का सन्देश दिया। अपरिग्रह का उपदेश…
भगवान के साथ रोटी खाई
एक 6 साल का छोटा सा बच्चा अक्सर भगवान से मिलने की जिद किया करता था। उसे भगवान के बारे में कुछ भी पता नही था पर मिलने की तमन्ना भरपूर थी। उसकी चाहत थी की एक समय की रोटी वो भगवान के सांथ खायेगा। 1 दिन उसने 1 थैले में 5-6 रोटियां रखीं और परमात्मा को को ढूंढने निकल…