दिन की कहानी

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कोई कहेगा

कोई कहेगा कि भगवान ने दिये! कोई कहेगा कि देवी-देवता ने दिये! कोई कहेगा कि मेरे दुश्मनों ने दिये! कोई कहेगा कि मेरे अपनों ने दिए! जिनवानी कहती हैं ये दुःख आपने ही अपने लिए बना रखें है, आपके किए हुए कर्मों से ही आपको दुःख होता है। आप पूछोगे की मैंने अपने लिए दुःख क्यूँ बनाया है? इसका उत्तर…

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पापा देखो मेंहदी वाली

पापा देखो मेंहदी वाली मुझे मेंहदी लगवानी है, पंद्रह साल की चुटकी बाज़ार में बैठी मेंहदी वाली को देखते ही मचल गयी। कैसे लगाती हो मेंहदी पापा नें सवाल किया? एक हाथ के पचास दो के सौ! मेंहदी वाली ने जवाब दिया। पापा को मालूम नहीं था मेंहदी लगवाना इतना मँहगा हो गया है, नहीं भई एक हाथ के बीस…

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दिल के दर्द की दवा

“कृपया मुझे दिल की की दवा दे दीजिये” यह अजीब और दुखद आग्रह उस आदमी ने किया जिसे उसके डॉक्टर ने बताया था की जिस बीमारी की शिकायत वह कर रहा था | उस की समस्या यह थी की वह अपने दुख से ऊपर नही उठ पा रहा था | वह दुख के कारण “अपने व्यक्तित्व में दर्द ” से…

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पाप क्या है और पुण्य क्या है।

प्राय: पाप-पुण्य के सबंध में प्रश्न उठा करते हैं। विद्धानों का मानना है कि इनकी कोई निश्चित सर्वमान्य परिभाषा नहीं है। लोगों का विश्वास है कि परिस्थितियां पाप को पुण्य में और पुण्य को पाप में बदल दिया करती हैं। जिस प्रकार सुबह के प्रकाश के लिए सूर्य को अंतरिक्ष का वक्ष चीरना होता है, इसी प्रकार पुण्य की महिमा…

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महाभारत का युद्ध।

महाभारत का युद्ध चल रहा था! एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर भीष्म पितामह घोषणाकर देते हैं कि मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा। उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई, भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए।…

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