विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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इच्छापूर्ति वॄक्ष
एक घने जंगल में एक *इच्छापूर्ति वृक्ष* था, उसके नीचे बैठ कर कोई भी *इच्छा* करने से वह *तुरंत पूरी* हो जाती थी। यह बात बहुत कम लोग जानते थे..क्योंकि उस घने जंगल में जाने की कोई *हिम्मत ही नहीं* करता था। एक बार संयोग से एक थका हुआ *व्यापारी* उस वृक्ष के नीचे आराम करने के लिए बैठ गया…
विश्व पूज्य दादा गुरूदेव
विश्व पूज्य दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरिश्वरजी म.सा. के पट्टधर, सुविशाल गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय जयंतसेन सूरिश्वरजी म. सा.का आज दि. 16 अप्रेल को अर्धरात्री दि. 17 अप्रेल 2017 वार सोमवार को सुबह १२.१५ बजे भांडवपूर तीर्थ ( भीनमाल) में देवलोक गमन हुआ है। यह त्रिस्तूतिक परंपरा व समस्त जैन समुदाय को बहुत बडी क्षति पहुंची । अन्तिम दर्शन…
चैत्री पूनम
चैत्री पूनम को आदीश्वर भगवान के प्रथम गणधर, भरत चक्रवर्ती के पुत्र, पुण्डरीक स्वामी ५ करोड साधु भगवंतो के साथ शत्रुंजय गीरि से सिद्ध पद को पाये थे चैत्री पूनम की कथा एक दिन चार ज्ञानी पुण्डरीक स्वामी(मति,श्रुत,अवधी,मनपर्ययः ज्ञान)५ करोड साधुओ के साथ विहार करते हुए सोरठ गांव पधारे अनेक राजा, शेठ, सेनापति, बहुत लोग वंदन करने आए एक स्त्री,…
“हमारे तीर्थंकर देव भगवान् श्री महावीर स्वामी जी का जन्मदिन का पवित्र अवसर है”
एक जैनी व्यापारी जिसकी शहर के बड़े बाजार में दवाई की दुकान थी और उस पर ईश्वर की बड़ी कृपा थी। बड़ा ही अच्छा व्यापार चल रहा था जिस कारण से आस पास के दूसरे दुकानदार उससे बड़ी ईर्ष्या रखते थे। एक दिन सुबह व्यापारी ने अपनी दुकान खोली अगरबत्ती लगाई और नोकर को थैली से LED लाइट वाली लड़ी…
“दुनिया की यूनवर्सटी मे जीवन से चढ़ता कोई अभ्यास क्रम नही”
एक समारोह में कुछ शिक्षको की आज के शिक्षण की हालत पर चर्चा चल रही थी। एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहाँ- शिक्षा के ऊपर हमारा देश लाखों रूपए ख़र्च करता है, तो भी शिक्षण के ऊपर इतनी फ़रियाद क्यों है? वहाँ उपस्थित एक इन्सान ने बड़ा अच्छा उत्तर दिया- मित्र ख़र्च करने से कुछ नही होता है, ख़र्च…