विचारों को अपने जीवन में परिवर्तन करना
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॥सब जाये तो जाये मेरा जैन धर्म नही जाये॥
जब हम हमारा इतिहास देखते है तो सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है। हमारे महापुरुषों ने इस धर्म के ख़ातिर प्राणो तक की बलि दे दी थी। सुदर्शन शेठ एक चोर को बचाने के लिए ख़ुद सुली पर चढ़ने के लिए तैयार हो गये। प्रभु के तिलक की रक्षा के लिए कई सारे युवा ने अपना प्राण न्योछावर कर…
घटती जैन जनसंख्या
~~~~~~~~~~~~ *……..तो 180 वर्ष बाद* *जैन समाज समाप्ति के* *कगार पर होगा !* ~~~~~~~~~~~~ ◆ पूज्यवर गुरुजी, क्रांतिकारी विचारक, *आचार्य श्री विमलसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब* पिछले करीब 21 वर्षों से अपने प्रवचनों में जैन जनसंख्या का मुद्दा उठाकर समाज को सावधान करते आ रहे हैं. ◆ आज से 2200 वर्ष पहले *जैनों की जनसंख्या 20 करोड़ से अधिक थी. करीब 80…
जिंदगी के सफ़र में चलते चलते हर मुकाम पर यही सवाल परेशान करता रहा….
*कुछ रह तो नहीं गया?* 3 महीने के बच्चे को दाई के पास रखकर जॉब पर जानेवाली माँ को दाई ने पूछा… कुछ रह तो नहीं गया? पर्स, चाबी सब ले लिया ना? अब वो कैसे हाँ कहे? पैसे के पीछे भागते भागते… सब कुछ पाने की ख्वाईश में वो जिसके लिये सब कुछ कर रही है , *वह ही…
21वी सदि मे बिखरता परिवार ,टूटते रिश्ते
दोस्तों, आधुनिकता मै सब मोबाइल, इंटरनेट ,आदि की सुविधा से पास होकर भी एक दूसरे से दूर काफी दूर हो गए है । अब तो हम एक दूसरे के नम्बर तक भी मोबाइल की सुविधा के बगैर नही जान सकते । पहले लोग संयुक्त परिवार में रहा करते थे। पुरुष बाहर कमाने जाया करते थे और महिलाएं मिल-जुलकर घर-परिवार का…
तीर्थंकर परमात्मा जी के नव अंग की ही पूजा क्यों की जाती है ?
नव अंग १. २ अंगूठा २. २ घुटना ३. २ हाथ ४. २ कंधा ५. मस्तक ६. ललाट ७. कंठ ८. हृदय ९. नाभि ॥ तीर्थंकर परमात्मा जी के नव अंग की ही पूजा क्यों की जाती है ? *प्रश्न १.- अंगूठे की पूजा क्यो की जाती है ?* उत्तर – तीर्थंकर परमात्मा जी ने केवलज्ञान करने के लिए तथा…