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दिन की कहानी 26, फरवरी 2016

हम और हमारे कर्म

एक व्यक्ति था उसके तीन मित्र थे ।
एक मित्र ऐसा था जो सदैव साथ देता था । एक पल, एक क्षण भी बिछुड़ता नहीं था ।
दूसरा मित्र ऐसा था जो सुबह शाम मिलता ।
और तीसरा मित्र ऐसा था जो बहुत दिनों में जब तब मिलता ।
एक दिन कुछ ऐसा हुआ की उस व्यक्ति को अदालत में जाना था,
किसी कार्यवश और किसी को गवाह बनाकर साथ ले जाना था ।

अब वह व्यक्ति अपने सब से पहले अपने उस मित्र के पास गया जो सदैव उसका साथ देता था और बोला :- “मित्र क्या तुम मेरे साथ अदालत में गवाह बनकर चल सकते हो ?
वह मित्र बोला :- माफ़ करो दोस्त, मुझे तो आज फुर्सत ही नहीं ।
उस व्यक्ति ने सोचा कि यह मित्र मेरा हमेशा साथ देता था ।
आज मुसीबत के समय पर इसने मुझे इंकार कर दिया ।

अब दूसरे मित्र की मुझे क्या आशा है ।
फिर भी हिम्मत रखकर दूसरे मित्र के पास गया जो सुबह शाम मिलता था,
और अपनी समस्या सुनाई ।
दूसरे मित्र ने कहा कि :- मेरी एक शर्त है कि में सिर्फ अदालत के दरवाजे तक जाऊँगा,
अन्दर तक नहीं ।
वह बोला कि :- बाहर के लिये तो मै ही बहुत हूँ मुझे तो अन्दर के लिये गवाह चाहिए ।
फिर वह थक हारकर अपने तीसरे मित्र के पास गया जो बहुत दिनों में मिलता था,
और अपनी समस्या सुनाई ।

तीसरा मित्र उसकी समस्या सुनकर तुरन्त उसके साथ चल दिया ।
अब आप सोच रहे होँगे कि वो तीन मित्र कौन है ?

तो चलिये हम आपको बताते है ,इस कथा का सार ।
जैसे हमने तीन मित्रों की बात सुनी वैसे हर व्यक्ति के तीन मित्र होते है ।
सब से पहला मित्र है हमारा अपना ‘शरीर’ हम जहा भी जायेंगे, शरीर रुपी पहला मित्र हमारे साथ चलता है । एक पल, एक क्षण भी हमसे दूर नहीं होता ।
दूसरा मित्र है शरीर के ‘सम्बन्धी’ जैसे माता – पिता, भाई – बहन, मामा-चाचा इत्यादि जिनके साथ रहते हैं, जो सुबह – दोपहर शाम मिलते है ।
और तीसरा मित्र है हमारे ‘कर्म’ जो सदा ही साथ जाते है ।

अब आप सोचिये कि आत्मा जब शरीर छोड़कर धर्मराज की अदालत में जाती है, उस समय शरीर रूपी पहला मित्र एक कदम भी आगे चलकर साथ नहीं देता ।
जैसे कि उस पहले मित्र ने साथ नहीं दिया ।

दूसरा मित्र – सम्बन्धी श्मशान घाट तक यानी अदालत के दरवाजे तक राम नाम सत्य है कहते हुए जाते है । तथा वहाँ से फिर वापिस लौट जाते है ।

तीसरा मित्र आपके कर्म है ।
कर्म जो सदा ही साथ जाते है चाहे अच्छे हो या बुरे ।
अगर हमारे कर्म सदा हमारे साथ चलते ।

दिन की कहानी 26, फरवरी 2016
February 26, 2016
दिन की कहानी 26, फरवरी 2016
February 26, 2016

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