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दिन की कहानी 22, जनवरी 2016

” जब मैंने जन्म लिया, वहां
“एक नारी” थी जिसने मुझे थाम लिया “

|| मेरी माँ ||
बचपन में जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया “एक नारी” वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी ।

|| मेरी बहन ||
जब मैं स्कूल गया
“एक नारी” ने मुझे पढ़ने और सिखने में मदद की ।

|| मेरी शिक्षिका ||
जब भी मै जीवन से निराश और हताश हुआ और जब भी हारा तब
“एक नारी” ने मुझे संभाला ।

|| मेरी महिला मित्र ||
जब मुझे सहयोग, साथी और प्रेम की आवश्यकता हुई तब
“एक नारी” हमेशा मेरे साथ थी…..

|| मेरी पत्नी ||
जब भी मैं जीवन में कठोर हुआ तब
“एक नारी” ने मेरे व्यवहार को नरम कर दिया ।

||मेरी बेटी||
जब मैं मरूँगा तब भी
“एक नारी” मुझे अपने गोद में समा लेगी ।

|| धरती माँ ||
यदि आप पुरुष हैं तो हर नारी का सम्मान करें और यदि आप महिला हैं,
उन में से एक होने पर गर्व करे ।

दिन की कहानी 22, जनवरी 2016
January 22, 2016
दिन की कहानी 28, जनवरी 2016
January 28, 2016

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