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दिन की कहानी 22, जनवरी 2016

जीवन की सचाई

एक आदमी की चार पत्नियाँ थी ।

वह अपनी चौथी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसकी खूब देखभाल करता व
उसको सबसे श्रेष्ठ मान देता था ।

वह अपनी तीसरी पत्नी से भी प्यार करता था और हमेशा उसे अपने मित्रों को दिखाना चाहता था । हालांकि उसे हमेशा डर था की वह कभी भी किसी दुसरे इंसान के साथ भाग सकती है ।

वह अपनी दूसरी पत्नी से भी प्यार करता था ।
जब भी उसे कोई परेशानी आती तो वे अपनी दुसरे नंबर की पत्नी के पास जाता और वो उसकी समस्या सुलझा देती ।

वह अपनी पहली पत्नी से प्यार नहीं करता था जबकि पत्नी उससे बहुत गहरा प्यार करती थी और उसकी खूब देखभाल करती ।

एक दिन वह बहुत बीमार पड़ गया और जानता था की जल्दी ही वह मर जाएगा । उसने अपने आप से कहा, ” मेरी चार पत्नियां हैं, उनमें से मैं एक को अपने साथ ले जाता हूँ ।
जब मैं मरूं तो वह मरने में मेरा साथ दे । “

तब उसने चौथी पत्नी से अपने साथ आने को कहा तो वह बोली, नहीं,
ऐसा तो हो ही नहीं सकता और चली गयी ।

उसने तीसरी पत्नी से पूछा तो वह बोली की, ” ज़िन्दगी बहुत अच्छी है यहाँ ।
जब तुम मरोगे तो मैं दूसरी शादी कर लूंगी ।”

उसने दूसरी पत्नी से कहा तो वह बोली, ” माफ़ कर दो, इस बार मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकती । ज्यादा से ज्यादा मैं तुम्हारे दफनाने तक तुम्हारे साथ रह सकती हूँ । “

अब तक उसका दिल बैठ सा गया और ठंडा पड़ गया । तब एक आवाज़ आई,
” मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूँ । तुम जहाँ जाओगे मैं तुम्हारे साथ चलूंगी ।”

उस आदमी ने जब देखा तो वह उसकी पहली पत्नी थी । वह बहुत बीमार सी हो गयी थी खाने पीने के अभाव में ।
वह आदमी पश्चाताप के आँसू
के साथ बोला, ” मुझे तुम्हारी अच्छी देखभाल करनी चाहिए थी और मैं कर सकता था ।”

– दरअसल हम सब की चार पत्नियां हैं जीवन में ।

1. चौथी पत्नी हमारा शरीर है ।
हम चाहें जितना सजा लें संवार लें पर जब हम मरेंगे तो यह हमारा साथ छोड़ देगा ।

2. तीसरी पत्नी है हमारी जमा पूँजी, रुतबा ।
जब हम मरेंगे तो ये दूसरों के पास चले जायेंगी ।

3. दूसरी पत्नी है हमारे दोस्त व रिश्तेदार । चाहें वे कितने भी करीबी क्यूँ ना हों हमारे जीवन काल में पर मरने के बाद हद से हद वे हमारे अंतिम संस्कार तक साथ रहते हैं ।

4. पहली पत्नी हमारी आत्मा है, जो सांसारिक मोह माया में हमेशा उपेक्षित रहती है ।

यही वह चीज़ है जो हमारे साथ रहती है ।
जहाँ भी हम जाएँ
कुछ देना है तो इसे दो,
देखभाल करनी है तो इसकी करो,
प्यार करना है तो इससे करो ।

दिन की कहानी 22, जनवरी 2016
January 22, 2016
दिन की कहानी 22, जनवरी 2016
January 22, 2016

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