जैन लोग पवॅतिथी में ग्रीन सबजी क्यों नही खाते ?
जैन लोगो में 2, 5, 8, 11, 14, 15 और पूनम,
ये तिथी में ग्रीन सबजी नही खाते । क्योंकी चंद्र हमारा ऐनटीना है । ये तिथी में पृथ्वी पर गुरुत्वाकषॅण में बडा बदलाव आता है । ये समय में पृथ्वी, चंद्र और मन की स्थिति में बदलाव आने से ऊसकी जयादा असर हमारे शरीर में 70 % रहे हूऐ पानी पे होती है ।
सब्जियों में भी 80% पानी होता है । समुद्र में जो जवार ( चारा ) आती है, ऐसी ही स्थिती हमारे शरीर में भी होती है । और हमारा मस्तक भी मदहोश हो जाता है । अग्नीतत्व मंद होता है और वायुतत्व की बढोतरी होती है, वो मस्तक पर आने से कितनी सारी विकृतिया पैदा होती है ।
शर्दी, जूकाम जैसी बिमारी इन्ही से होती है । इसलिये ग्रीन सब्जी नही खाने से
जलतत्व पर कंट्रोल किया जा सकता है ।
जैन शास्त्र के अनुसार सब्जी स्वादीष्ट होने से उस पर राग भी पेदा होता है,
और जीव हिंसा भी होती है।
अत: रोग, राग और पाप से बचने के लिये जैन लोग ये पवॅ तिथी में
हरी सबजी नही खाते ।