Archivers

नवकार के प्रताप से मौत से बचाव

death-prevention-from-the-glory-of-navkar-main

death-prevention-from-the-glory-of-navkar
लगभग 21 साल पहले हम पांच साधु कावी तीर्थ जाने के लिए धुवारण के आरे से नाव में बैठे। मध्य में नाविक चिल्लाया “अरे! अब तो हम सब डूब जाएंगे…” पूछने पर उसने सबको कहा, “मैं बहुत सालों से नाव चलाता हूं। यहां भूल से हम आ गए हैं। यहां जल प्रताप (धोध) की तरह पानी का प्रवाह तेज होता है। यह प्रवाह नैया को तेजी से सीधा सामने ही खींच लेगा। इधर-उधर सरकना अब अशक्य है । आगे दूर जो बड़े खंभे दिख रहे हैं वहां जा कर नाव टकराएगी।

इस में पानी भर जाएगा और डूब जाएगी। तैरने में होशियार होने पर भी हम इस जोर से बहने वाले प्रवाह में तैर नहीं सकेंगे। हम भी डूबेंगे। बचने का कोई रास्ता नहीं है ।”सुन कर सभी रोने और चिल्लाने लगे। नाव में ३०-३५ मुसाफिर थे । ज्ञानियों के वचन याद करके समाधि मरण की आराधना के लिए मैंने सबको क्षमा दी और अंतिम आराधना के लिए सागारी अणसण स्वीकार कर नवकार गिरने लगा। खंभे के पास पहुंचते ही सभी को मौत दिखने लगी। मौत का दु:ख भयंकर है। लेकिन नवकार मंत्र के प्रताप से नाव खंभे के पास से निकल गई!! और नाव सही- सलामत किनारे पहुंची। अनंत जीवो को मोक्ष देने वाले नवकार के ऐसे सैकड़ों चमत्कार आप को मालूम होंगे। है पुण्यवानो, बुद्धिमान आप भी आंखें मूंद कर इस पर चिंतन करके अनंत पुण्य से मिले इस महाप्रभावी जैन धर्म पर दृढ़ श्रद्धा रख के धर्म का यथाशक्ति सेवन करके सर्वत्र सुख पाओ यही शुभेच्छा।

lakhs-thanks-to-shravaks-main
लाखों धन्यवाद साधु जैसे श्रावक को
December 11, 2018
the-sin-of-intercession-in-religion-is-heavy
धर्म में अंतराय का पाप भारी
December 11, 2018

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Archivers