पिता को अनाथश्रम मे छोड़कर पुत्र बाहर निकला ही था कि पत्नी का फोन आ गया, यह जानने के लिए कि पर्व त्योहार मे छुट्टी वगेरह का नियम तो नही हैं न?
पुत्र वापस अनाथाश्रम पहुँचकर देखता हैं उसके पिता बड़े प्रेम से
वृद्धाश्रम के मेनेजर से बात कर रहे हैं।
पुत्र को शंका होने लगी की शिकायत हो रही होगी,
लेकीन पिता जी कि धनिष्टता लगता हैं
पुरानी जान पहचान है?
पुत्र को वापस आया देख।
पिता अपने रुम मे व्यवस्था देखने चले जाते है।
पुत्र मेनेजर से पुछता है क्या आप मेरे पिता जी को जानते है?
क्या बाते हो रही थी
मेनेजर बोला- कुछ नही बस मैंने ही उनसे पुछ लिया की क्या यह वही पुत्र हैं?
जीसे आज से तीस साल पहले आप इसी अनाथ आश्रम से ले गये थे।