दिन की कहानी

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दिन की कहानी 19, फरवरी 2016

क्रोध के दो मिनट एक युवक ने विवाह के बाद दो साल बाद परदेस जाकर व्यापार की इच्छा पिता से कही । पिता ने स्वीकृति दी तो वह अपनी गर्भवती को माँ-बाप के जिम्मे छोड़कर व्यापार को चला गया, परदेश में मेहनत से बहुत धन कमाया । 17 वर्ष धन कमाने में बीते गए तो सन्तुष्टि हुई और वापस घर…

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दिन की कहानी 19, फरवरी 2016

सामायिक समता आत्मा को कहते हैं । आत्मा के गुणों का चिंतन कर समता ( समभाव ) का अभ्यास करना सामायिक है । सुख-दुख, लाभ- हानि मान-अपमान, जीवन-मरण, निन्दा-प्रशंसा, शत्रुता-मित्रता आदि विषमताओं में राग-द्वेष नहीं कर समता स्वभावी आत्मा में स्थिर रहना सामायिक है । श्रावक व साधु दोनों के द्वारा सामायिक की जाती है । श्रावक की सामायिक नियत…

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दिन की कहानी 18, फरवरी 2016

सोलह कारण भावनाएँ 1. दर्शन विशुद्धि भावना 2,विनय सम्पन्नता भावना 3.शील व्रत अनतिचार भावना 4.अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोग भावना 5.अभीक्ष्ण संवेग भावना 6.शक्तितस्तप भावना 7. शक्तितस्त्याग भावना 8. साधु समाधि भावना 9.वैय्यावृत्त्यकरण भावना 10. अरहन्त भक्ति भावना 11. आचार्य भक्ति भावना 12.बहुश्रुत भक्ति भावना 13. प्रवचन भक्ति भावना 14. आवश्यक अपरिहाणी भावना 15. मार्ग प्रभावना भावना 16. प्रवचन वात्सल्य भावना -सोलह कषाय-…

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दिन की कहानी 18, फरवरी 2016

अपनी बुरी आदतों को छोड़ दो एक अमीर आदमी अपने बेटे की किसी बुरी आदत से बहुत परेशान था, वह जब भी बेटे से आदत छोड़ने को कहते तो एक ही जवाब मिलता था । “ अभी मैं इतना छोटा हूँ, धीरे-धीरे ये आदत छोड़ दूंगा ” पर वह कभी भी आदत छोड़ने का प्रयास नहीं करता, उन्ही दिनों एक…

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दिन की कहानी 18, फरवरी 2016

अनन्त इच्छा इच्छा हु आगाससमा अणंतया अर्थात इच्छा आकाश के समान अनंत होती है । हम दुःखी क्यों है ? इसलिए कि हम कुछ चाहते है । अर्थ यह है कि इच्छा स्वयं दुःख है । जब तक इच्छा है, दुःख है । इच्छा का जन्म क्यों होता है ? अपने भीतर अभाव की अनुभूति से । इस अनुभूति का…

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