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सुरसुन्दरी सरोवर में डूब गई – भाग 6
सुरसुन्दरी सरोवर में कुद गिरी | डुबकी खाकर जेसे ही वह पानी की सतह पर आयी की एक बहुत बड़ा मगरमच्छ उसे निगल गया | बेहोश सुरसुन्दरी मगरमच्छ के पेट में बिलकुल अखंड ~ अक्षत उतर गयी |मगरमच्छ का एक भी दात उसके शारीर में लगा नहीं | मगरमच्छ तेरता हुआ सरोवर के सामने वाले किनारे पर चला गया |…
सुरसुन्दरी सरोवर में डूब गई – भाग 5
लीलावती ने नौकरो को भेजा तलाश करने के लिये और खुद राजसभा में पहुँची | राजा से शिकायत की | राजा ने तुरंत चारो दिशा में आदमी भेज कर तलाश करवायी | पर शाम ढलते ढलते तो सभी खाली हाथ वापस लोटे | लीलावती के होश उड गये, वह फफक फफक कर रो दी | सरिता ने लीलावती से आहिस्ता…
सुरसुन्दरी सरोवर में डूब गई – भाग 4
शासन देवो का स्मरण करके सुरसुन्दरी बोली : हें पंचपरमेष्ठी भगवंत ! में आपकी साक्षी से व मेरी स्वयं की आत्मसाक्षी से कहती हु की मेरे मन में किसी भी जीवात्मा के प्रति न तो गुस्सा है न नाराजगी है | मै सभी जिवो से क्षमायाचना करती हूँ |सभी मुझे क्षमा करे | मै अपने शारीर पर से ममत्व हटा…
सुरसुन्दरी सरोवर में डूब गई – भाग 3
सुरसुन्दरी ने इधर उधर की जमीन को साफ किया, और विश्राम करने के लिए लेट गयी | हवा शीत थी | पेडो की ठंडी छाव थी| पक्षिओ का कुंजन गूंज रहा था | झिन्गुरो की आवाज आ रही थी | फिर भी सुरसुंदरी आँखों में नींद कहाँ ? उसके मन में डर था….निराशा थी….वह व्यथा से आतंकित हुई जा रही…
सुरसुन्दरी सरोवर में डूब गई – भाग 2
सुरसुन्दरी वैधराज के चरणों में प्रणाम करके त्वरा से उस मकान से निकल कर नगर के दरवाजे के बाहर आयी और फिर नवकार का स्मरण करके जंगल की और दोड़ने लगी | मन पर चलने के पश्चात् वह पगडंडी पर दोड़ने लगी | वह जानती थी सवा लाख रूपये देकर वेश्या ने उसे ख़रीदा था | वह गुम हो जाय….फरार…