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पिता मिल गये – भाग 1

‘क्या अमर ने बचपन की उस मनहूस घटना को यादो के आँचल में बांध राखी होगी ? सुन्दरी विचारने लगी नहीं….नहीं….इसके बाद तो मै उसे कई बार मिल चुकी हूँ | उसने मुझे पयार दिया है | मेरे साथ आत्मीयता का व्यव्हार किया है | कभी उसने वह बीती बात याद नहीं किया कभी | हंसी ~मजाक में भी उसने…

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